प्रदेशभर में लॉयन सफारी, बायोलॉजिकल व वन्यजीव पार्क के गेट बंद, पर्यटकों को बुकिंग करानी पड़ी कैंसिल
जयपुर। विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन पर चल रहे प्रदेश भर के वनकर्मियों ने गुरुवार सुबह प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान, बायोलॉजिकल पार्क, वन्यजीव पार्क व सफारी पार्क के गेट बंद कर दिए। जिसके चलते पर्यटकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। मुख्य गेट का ताला बंद होने के चलते जंगल सफारी के लिए आने वाले पर्यटकों को प्रवेश नहीं दिया गया। ऐसे में पर्यटकों को बुकिंग कैंसिल करानी पड़ी। बता दें कि तीन दिन से कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे वन कर्मियों की मांग पर कोई ध्यान नहीं देने पर संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर आंदोलन को बड़ा रूप देते हुए राष्ट्रीय उद्यान में सफारी पार्क बंद करने का निर्णय लिया गया।
गुरुवार सुबह वनकर्मियों ने रणथंभौर, सरिस्का, झालाना, अभेड बायोलॉजिकल पार्क कोटा, माचिया बायोलॉजिकल पार्क जोधपुर, आकल वुड फॉसिल पार्क जैसलमेर, सज्जनगढ़ उदयपुर, सनसेट पॉइंट, ट्रैवल्स टैंक माउंट आबू, तालछापर अभयारण्य को बंद किया। ऐसे में पयर्टकों को भी अंदर प्रवेश नहीं दिया गया। जिसके चलते पर्यटकों को जंगल सफारी की बुकिंग रद्द करानी पड़ी है।
सरिस्का के तीनों गेट बंद, पर्यटक परेशान
अलवर सरिस्का बाघ परियोजना में वनकर्मियों ने अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर सरिस्का के तीनों गेटों पर ताला लगाकर विरोध-प्रदर्शन किया। जिसके चलते पर्यटक भी अंदर नहीं घुस पाए। राजस्थान अधीनस्थ वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रामवीर गुर्जर व अध्यक्ष पुरुषोत्तम ने कहा कि सरिस्का के तीनों गेट बंद कर दिए हैं। अगर वन्यजीवों को लेकर कोई भी घटना होती है तो उसका जिम्मेदार वन प्रशासन होगा।
कोटा में वनकर्मी सिर मुंडवाकर कर रहे प्रदर्शन
कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क का वनकर्मियों ने गेट बंद कर दिया। इसके बाद वनकर्मियों ने सिर मुंडवाकर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। साथ ही वनकर्मियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
पर्यटकों को वन्यजीवों का दीदार बंद
कर्मचारियों के धरने और कार्य बहिष्कार के चलते वन विभाग के सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में वन एवं वन्य जीव सुरक्षा सरकार के लिए चुनौती बन गया है। वहीं, पर्यटकों को भी आज वन्यजीवों का दीदार बंद है।
सरकार की ओर से अनदेखी के चलते वनकर्मियों में आक्रोश
वन कर्मचारी नेता भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश के वनकर्मी जंगलों में ड्यूटी देकर रक्षा कर रहे हैं। 15 सूत्री मांगों को लेकर 19 सितंबर, 2022 से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार वनकर्मियों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। सरकार की ओर से अनदेखी के चलते वन विभाग के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। ऐसे में संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में आंदोलन को बढ़ा रूप दिया जा रहा है।
ये है वनकर्मियों की मांगें
प्रदेशभर के वनकर्मी 19 सितंबर, 2022 से अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। वनकर्मी पुलिस सहित अन्य विभागों की तरह गश्त, अवैध लकड़ी परिवहन, वन्य जीव रेस्क्यू, दबिश डालने के समय हथियार, अतिरिक्त भत्ता, पटवारियों, ग्राम सेवकों सहित पुलिस के समान वेतन, कार्य प्रभावित कर्मकारों कैटल गार्ड, बेलदार सहित अन्य कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ देने, वर्दी भत्ता 7 हजार और साइकिल भत्ता की जगह पेट्रोल भत्ता देने की मांग कर रहे हैं।