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जाट आंदोलन पर नेताओं का सरकार को अल्टीमेट, आरक्षण मिलने के बाद ही समाप्त होगा महापड़ाव

12:17 PM Jan 29, 2024 IST | Mukesh Kumar

भरतपुर। केंद्र में भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को ओबीसी आरक्षण देने की मांग को लेकर जयचोली में जाटों का महापड़ाव जारी है। इस बीच पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आंदोलन को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि जाटों को केंद्र में आरक्षण देने की मांग को लेकर राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सकारात्मक बात चल रही है। जल्द ही इसको लेकर वार्ता हो सकती है। उन्होंने आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल से बातचीत कर महापड़ाव को स्थगित करने की बात कही। उधर, जाट नेताओं का कहना है कि अगर सरकार 4 फरवरी तक कोई फैसला नहीं लेती है तो एक बड़ी मीटिंग आयोजित की जाएगी।

आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि आरक्षण हमारा हक है और इसकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आरक्षण मिल नहीं जाता। उन्होंने कहा आरक्षण संघर्ष समिति का शांतिपूर्ण और गांधीपूर्ण तरीके से महापड़ाव जारी रहेगा। राजस्थान सरकार की ओर से दो मंत्री कन्हैया लाल चौधरी और अविनाश गहलोत के साथ डीग कुम्हेर विधायक डॉ. शैलेश सिंह और नदबई विधायक जगत सिंह की संयुक्त कमेटी जल्द ही केंद्र से वार्ता करेगी। 25 जनवरी को जिला कलेक्टर से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि सरकार का सकारात्मक रुख है। जहां जिला कलेक्टर ने वार्ता के लिए 5 सदस्यों की कमेटी भेजने को कहा था इसमें अधिवक्त राजाराम, दिलीप सिंह, सुभाष मदेरणा, गिर्राज सिंह, कुंवर सिंह ततामड़ आदि लोगों को कमेटी बनाकर भेज दी गई।

पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह बोले, सरकार रुख सकारात्मक…

पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह से समाज को आरक्षण देने की मांग पर उन्होंने अपना पूरा समरन ज्थ ताते हुए कहा समाज को अपना हक मिलना चाहिए। वहीं उन्होंने महापड़ाव स्थगित करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से इस मामले पर सकारात्मक वार्ता चल रही है। इसके लिए कमेटी भी गठित कर दी गई है। दो मंत्रियों की कमेटी भी केंद्र सरकार से वार्ता के लिए बनाई गई है। पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सरकार की पहल को देखते ही जवाब आने तक धरना स्थगित करने की अपील की।

आरक्षण मिलने के बाद ही समाप्त होगा महापड़ाव…

जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार को 4 फरवरी तक का समय दिया है। उनका कहना है कि अगर इस समयावधि में सरकार कोई फै सला नहीं करती है तो समाज की बड़ी सभा बुलाई जाएगी। इसमें समाजबंधुओ से बातचीत के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। उनका कहना है कि इस बार महापड़ाव आरक्षण मिलने के बाद ही समाजप्त होगा। कई वर्षों से समाज अपने हम के लिए संघर्ष कर रहा है। राजस्थान के के वल दो जिलों के जाटों को आरक्षण नहीं देकर सरकार ने दोगला व्यवहार दर्शाया है।

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