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विदेशी धरती पर भारतीय धरोहर…10 हजार मूर्तियां, क्यों खास है 183 एकड़ में फैला US का ये मंदिर ?

भारत से सात समंदर पार हिंदू मंदिर का निर्माण और उद्घाटन श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ था। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है।
09:44 AM Oct 10, 2023 IST | Anil Prajapat
विदेशी धरती पर भारतीय धरोहर…10 हजार मूर्तियां  क्यों खास है 183 एकड़ में फैला us का ये मंदिर

Akshardham Temple : नई दिल्ली। अमेरिकी शहर रॉबिंसविले में रविवार को स्वामीनारायण मंदिर का उद्घाटन किया गया। यह मंदिर सोमवार से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। भारत से सात समंदर पार हिंदू मंदिर का निर्माण और उद्घाटन श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ था। न्यू जर्सी में बनकर तैयार हुए इस मंदिर के उद्घाटन के बाद आठ अक्टूबर को विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया। यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया के अंगकोरवाट में है।

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अक्षरधाम मंदिर के बारे में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, इसका निर्माण 183 एकड़ में कराया गया है। सबसे बड़े हिंदू मंदिर का उद्घाटन होने के बाद वैदिक रीति से पूजा अनुष्ठान हुआ। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि ये भारत के बाहर अब तक का सबसे भव्य अक्षरधाम मंदिर हो सकता है। विदेश राज्यमंत्री ने बताया कि अक्षरधाम का निर्माण पूज्य गुरु महंत स्वामी महाराज और गुरु प्रमुख स्वामी महाराज के दूरदर्शी मार्गदर्शन का प्रमाण है। इस मंदिर में 10 हजार से ज्यादा मूर्तियां लगाई गई है

जानें-क्यों खास है दुनिया का दूसरा सबसे बड़े मंदिर ?

अमेरिका के न्यू जर्सी शहर में बने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति, भारतीय कला और भारतीय अध्यात्म का त्रिवेणी संगम है। यह सिर्फ पत्थर से बना मंदिर नहीं है, बल्कि विदेशी धरती पर भारतीय परंपरा की धरोहर है।

12,500 स्वयंसेवकों ने दिन-रात किया काम

स्वामी महाराज ने विदेशी धरती पर महामंदिर अक्षरधाम बनाने का निर्णय लिया था। स्वामीजी ने 2012 में अक्षरधाम की वास्तुकला को अंतिम रूप दिया और 2014 में रॉबिन्सविले में इसका भूमिपूजन किया। मंदिर को बनाने का काम साल साल 2015 से 23 तक चला। करीब 12 साल तक 12,500 स्वयंसेवकों ने दिन-रात मंदिर बनाने का काम किया।

आध्यात्मिक महत्व के साथ जटिल कलात्मकता का मिश्रण

183 एकड़ में फैले विशाल मंदिर में दस हजार से ज्यादा मूर्तियां हैं। 151 भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की नक्काशी और 108 पारंपरिक भारतीय नृत्य रूप और 300 से ज्यादा पवित्र भारतीय नदियां भी शामिल हैं। यहां पत्थर का महामंदिर, शिल्प कौशल और भक्ति का चमत्कार है। जो आध्यात्मिक महत्व के साथ जटिल कलात्मकता का मिश्रण है।

मंदिर में 150 वाद्य यंत्र और चार वेद

अक्षरधाम को हजारों साल पुराने वास्तु शास्त्र के हिसाब से बनाया गया है। मंदिर में 150 वाद्य यंत्रों की कला आकृति को पत्थर पर बनाया गया है। खास बात ये है कि इस मंदिर में वेदों के चार रूप है, ऐसा आज तक कभी किसी मंदिर में देखने को नहीं मिला है।

29 देशों से लाए गए पत्थरों से बना ये मंदिर

मंदिर में 2 लाख घन फीट पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। इस मंदिर में दुनियाभर के 29 देशों से लाए गए पत्थर लगाए गए है। भारत के राजस्थान से बलुआ पत्थर, बल्गेरियाई पत्थर, तुर्की का चूना पत्थर, ग्रीस का संगमरमर, चीन व भारत ग्रेनाइट मंदिर के निर्माण में काम में लिया गया है।

ये है दुनिया का तीसरा अक्षधाम मंदिर

अमेरिका के न्यू जर्सी शहर में बना अक्षरधाम मंदिर विश्व स्तर पर तीसरा ऐसा सांस्कृतिक परिसर है, जो भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। बता दें पहला अक्षरधाम साल 1992 में गुजरात की राजधानी गांधीनगर में बनाया गया था और दूसरा अक्षरधाम मंदिर साल 2005 में देश की राजधानी नई दिल्ली में बनाया गया था।

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