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वन्यजीव प्रेमियों के लिए दुखद खबर, रणथंभौर को 12 शावकों की सौगात देकर रुखसत हो गई कृष्णा

सवाईमाधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क से एक बार फिर दुखद खबर सामने आई है। ये खबर वन्यजीव प्रेमियों को आहत करने वाली है।
09:33 AM Feb 09, 2023 IST | Anil Prajapat
वन्यजीव प्रेमियों के लिए दुखद खबर  रणथंभौर को 12 शावकों की सौगात देकर रुखसत हो गई कृष्णा

सवाईमाधोपुर। सवाईमाधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क से एक बार फिर दुखद खबर सामने आई है। ये खबर वन्यजीव प्रेमियों को आहत करने वाली है। दरअसल रणथंभौर नेशनल पार्क की कृष्णा नामक प्रसिद्ध बाघिन टी-19 की बुधवार को मौत हो गई। जीवन के लंबे पड़ाव के बाद बुधवार को उम्रदराज बाघिन टी-19 ने रणथंभौर नेशनल पार्क के लकड़दा वन क्षेत्र में अंतिम सांस ली। वन विभाग के अनुसार बाघिन कृष्णा टी-19 की उम्र 17 साल हो गई थी। यह बाघिन रणथंभौर नेशनल पार्क की सुप्रसिद्ध बाघिन रही मछली की बेटी है और रणथंभौर को बाघों से आबाद करने में बाघिन टी-19 की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है। रणथम्भौर में मछली के बाद सबसे अधिक शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड बाघिन कृष्णा के नाम है। मछली ने जहां 16 शावकों को जन्म दिया था। वहीं उसकी बेटी कृष्णा अब तक 12 शावकों को जन्म दे चुकी थी।

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नहीं कर पा रही थी शिकार

वनाधिकारियों को बुधवार को सूचना मिली कि रणथंभौर के लकड़दा क्षेत्र में बाघिन टी-19 मृत अवस्था में पड़ी है। ऐसे में वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा बाघिन का शव अपने कब्जेमें लिया। उसके बाद बाघिन के शव को पोस्टमारम्ट के लिए राजबाग लाया गया, जहां राजबाग चौकी पर बाघिन का मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में पोस्टमारम्ट किया गया। चिकित्सकों के अनुसार बाघिन बेहद दुर्बल हो गई थी। उम्रदराज होने के कारण बाघिन पिछले कुछ दिनों से शिकार करने में भी समर्थ नहीं थी। इसके चलते बाघिन बेहद कमजोर हो गई थी, जिसे लेकर वन विभाग द्वारा बाघिन की मॉनिटरिंग भी की जा रही थी। वनाधिकारियों ने बाघिन की मौत को प्राकृतिक बताया है। पोस्टमारम्ट के पश्चात बाघिन के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

कैमरे में ट्रैप हुआ 15 दिन से लापता बाघ एसटी-25

इधर, अलवर के सरिस्का बाघ परियोजना में पिछले 15 दिन से लापता बाघ एसटी 25 बुधवार को कैमरे में ट्रैप हुआ। इसके बाद से सरिस्का प्रशासन ने राहत की सांस ली है। युवा बाघ एसटी-25 कई दिनों से लापता था। वहीं सरिस्का प्रशासन इसकी तलाश में लगातार लगा हुआ था। वन कर्मियों के हड़ताल पर जाने से सरिस्का प्रशासन की परेशानियां और बढ़ गई थी। ऐसे में खुद सरिस्का डीएफओ बाघ की तलाश करने में लगे थे। कैमरा ट्रैप में फोटो आने पर डीएफओ ने राहत की सांस ली। सरिस्का डीएफओ ने बताया कि एसटी-25 युवा बाघ कई दिनों से गायब था। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण उसके पगमार्क नहीं मिल रहे थे। ऐसे में बाघ की तलाश करना मुश्किल हो रहा था।

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