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हाड़ौती के 81 जलस्रोतों से छलक रहा ‘अमृत’... बारिश ने भरी धरती की झोली तो खिल उठे किसानों के चेहरे

मानसून में हुई जोरदार बारिश ने कोटा संभाग की धरती की झोली भर दी है। अच्छी बारिश से जहां किसानों और आमजन के चेहरे पर खुशी छाई आई हैं।
08:19 AM Aug 02, 2023 IST | Anil Prajapat

rain in rajasthan : कोटा। मानसून में हुई जोरदार बारिश ने कोटा संभाग की धरती की झोली भर दी है। अच्छी बारिश से जहां किसानों और आमजन के चेहरे पर खुशी छाई आई हैं। बारिश से जलस्रोतों में पानी आने से किसानों को इस बार सिंचाई के लिए पर्याप्त जल मिलने और उसे अच्छी पैदावार मिलने की उम्मीद है। हाड़ौती क्षेत्र में बारिश से नदी नाले भी उफान मार रहे है। वहीं डैमों में अच्छे पानी का भराव हुआ है। हाड़ौती छोटे-बड़े मिलाकर 81 डैम हैं, जिनमें काफी पूरी तरह से फुल हो गए है। इनमें पानी या तो ओवरफ्लो है या फिर डिस्चार्ज करना पड़ा रहा है। 

6 बांधों से की जा रही है पानी की निकासी 

एसई अंसारी ने बताया कि वर्तमान में 7 डैम ओवरफ्लो हुए हैं। उनमें बारां के उम्मेद सागर, बूंदी में चाकन, बटावदी, बंसोली और पैबालपुरा और झालावाड़ का रेवा और बोरबंद शामिल हैं। कोटा जिले का एक भी डैम अभी ओवरफ्लो नहीं हुआ है, जबकि 6 डैम ऐसे हैं, जिनसे पानी की निकासी की जा रही है। इनमें चंबल के चारों बांध और झालावाड़ जिले के दो डैम शामिल हैं। झालावाड़ जिले के कालीसिंध और छापी डैम से पानी की निकासी हो रही है।

पिछले साल से ज्यादा पानी की आवक

हाड़ौती के 81 डैमों में चंबल के 4 बड़े डैम भी शामिल हैं। इनमें दो कोटा संभाग में नहीं आते हैं। फिर भी पानी की आवक से हाड़ौती क्षेत्र को फायदा मिलता है। दो अन्य डैमों मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित गांधी सागर और चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में स्थित राणा प्रताप सागर बांध शामिल हैं। वहीं, दो डैम हाड़ौती में हैं, जिनमें एक बूंदी जिले में स्थित जवाहर सागर बांध और दूसरा कोटा बैराज है। इन चारों बांधों में बीते साल से ज्यादा पानी की आवक है। जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी ने बताया कि चंबल के बांधों में कु ल 10249 मीटर क्यूबिक मीटर पानी होता है। इस बार इन सभी डैम में करीब 70 फीसदी पानी है।

एमपी से नहीं आया चंबल में ज्यादा पानी

जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी ने बताया कि चंबल का सबसे बड़ा बांध गांधी सागर है, जिसकी क्षमता 7165 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इसमें इस बार 4347 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है। इस बार क्षमता का करीब 61 फीसदी पानी है, लेकिन यह बीते साल से थोड़ा सा कम है। जबकि राणा प्रताप सागर बांध में 2905 क्षमता है, जिसकी अपेक्षा वह इस बार 2672 मिलियन क्यूबिक मीटर भरा हुआ है।

यह करीब 92 फीसदी है। हालांकि, मध्य प्रदेश से ज्यादा पानी इस बार अभी तक चंबल नदी में नहीं आया हैं। जवाहर प्रताप सागर बांध की क्षमता 67 मिलियन क्यूबिक मीटर है, लेकिन इसमें 48 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरा हुआ है। साथ ही कोटा बैराज की क्षमता 112 मिलियन क्यूबिक मीटर है और वह 111 मिलियन क्यूबिक मीटर भरा हुआ है।

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