बुर्ज खलीफा जैसे फव्वारे…26 मनमोहक घाट, काशी-प्रयागराज को टक्कर देगा कोटा का चंबल रिवर फ्रंट
Kota Chambal River Front: कोचिंग सिटी के नाम से पहचाने जाने वाला कोटा अब एक नए रंग रुप में तैयार है। जल्द ही कोटा सिटी को टूरिस्ट प्लेस के नाम से भी जाना जाएगा और यह शहर देश में कोटा अर्बन डेवलपमेंट का मॉडल बनकर उभरेगा। यहां चंबल नदी के किनारे 1200 करोड़ रुपए की लागत से हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट तैयार किया गया है। सीएम गहलोत 12 सितंबर को कोटा में बने चंबल रिवर फ्रंट और ऑक्सीजन पार्क का लोकार्पण करेंगे।
खास बात ये है कि 12 सितंबर को 125 पंडित पहली बार चंबल माता की 225 फीट ऊंची संगमरमर की मूर्ति की पूजा करेंगे। इसके बाद सीएम गहलोत नाव में सवार होकर इसका उद्घाटन करेंगे। इस दौरान देश और प्रदेश के कई वीआईपी, विभिन्न आयोग के अध्यक्ष, 25 देशों के राजदूत सहित राजस्थान के सभी मंत्री और विधायक मौजूद होंगे।
उद्घाटन समारोह में बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण भी शिरकत करेंगे। हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट के उद्घाटन का आयोजन दो दिनों तक चलेगा। लोकार्पण के अगले दिन कोटा में ही सीएम गहलोत की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होगी। बता दें कि यह भारत का पहला हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट है, जो देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
कोटा में बुर्ज खलीफा जैसे फव्वारे
यहां रात के समय अलग ही नजारा देखने को मिलेगा। रिवरफ्रंट पर रंग बिरंगी लाइटों से पर्यटकों को ऐसा अहसास होगा कि जैसे किसी आईलैंड पर पहुंच गए हो। यहां दुबई के बुर्ज खलीफा की तर्ज पर लिनियर फव्वारे लगाए गए, जो 360 डिग्री तक स्विंग करने वाले 150 जेड 3 एयर शूटर सीटर रिवर फ्रंट पर पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।
इसे दुबई के माल की तर्ज पर लगा फाउंटेन और स्पेन देश के बार्सिलोना मैजिक फाउंटेन की तर्ज पर बनाया गया है। यहां लगी म्यूजिकल लाइटिंग फाउंटेन में करीब 40 इफेक्ट नजर आएंगे।
रिवरफ्रंट पर 26 घाटों का हुआ निर्माण
रिवर फ्रंट को चंबल के दोनों किनारों पर 6-6 किलोमीटर बहुत खूबसूरत तरीके से बनाया गया। यहां दोनों किनारों पर 26 घाटों का निर्माण करवाया गया है। यहां लगाए गए स्मारकों में स्थापत्य कला सहित देश-प्रदेश की सांस्कृति झलक देखने को मिलेगी। रिवरफ्रंट के जवाहर घाट पर विश्व का सबसे बड़ा गन मेटल का मुखौटा बनाया गया है। यहां बनाए गए घाटों की अपनी अलग-अलग विशेषता है।
यहां दुनिया का सबसे बड़ा नंदी
दुनिया का सबसे बड़ा नंदी भी यहां बना है। पहली बार यहां पंच तत्व के मंदिर वैदिक घाट पर बने हैं। गीता घाट जनता को गीता का उपदेश देता दिखाई देगा। शक्ति योग को मानने के लिए योग करता साधक दिखाई देगा। ऐसे ही एक बगीचे में वृंदावन में 10 अवतारों की मूर्ति लगाई गई है।
बुलंद दरवाजे से ऊंचा दरवाजा बनाई गया है, जहां ईरानी पेंटिंग की है। मुकुट महल में 80 फीट ऊंची छत है। यहां देश का पहला 21 मीटर लंबे जहाज का मॉन्यूमेंट्स भी 25 टन लोहे से निर्मित थर्मल चौराहे पर बनाया गया है।