जानें- सचिन पायलट के अनशन पर बैठने से ठीक पहले रंधावा ने क्यों रद्द किया जयपुर दौरा?
Sachin Pilot : जयपुर। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सुबह 11 बजे से राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर मौन धारण कर अनशन पर बैठ गए हैं। बताया जा रहा है कि पायलट शाम 4 बजे तक धरना देंगे। इधर, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपना जयपुर दौरा रद्द कर दिया है। रंधावा आज दोपहर 12 बजे जयपुर आने वाले थे। लेकिन, पायलट के अनशन पर बैठने से पहले रंधावा ने अपना जयपुर दौरा रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि अपरिहार्य कारण के चलते रंधावा ने जयपुर दौरा रद्द किया है।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का आज सुबह 11.45 बजे इंडिगो फ्लाइट से चंडीगढ़ से जयपुर आने का कार्यक्रम प्रस्तावित था। इस दौरान वो सचिन पायलट से चर्चा करने वाले थे, ताकि प्रदेश कांग्रेस में चल रहे अंर्तकलह पर लगाम लगाई जा सके। लेकिन, पालयट के अनशन पर बैठने से ऐन वक्त पहले रंधावा ने जयपुर नहीं आने का फैसला लिया। हालांकि, वो इस मुद्दे पर लगातार पार्टी आलाकमान के संपर्क में है।
…इसलिए रंधावा ने रद्द किया जयपुर दौरा
वैसे तो यह कहा जा रहा है कि रंधावा ने अपरिहार्य कारण के चलते जयपुर दौरा रद्द किया है। लेकिन, सूत्रों की मानें तो दौरा रद्द करने के पीछे वजह यह रही है कि जब वो पायलट से बात ही नही कर पाते तो जयपुर आने से क्या फायदा। पायलट के अनशन पर बैठने से पहले रंधावा उनसे बात करने वाले थे। लेकिन, जब उन्हें पता चला कि अनशन के साथ-साथ पायलट मौन व्रत रखेंगे तो ऐसे में वो बोल भी नहीं पाएंगे तो जयपुर का दौरा रद्द कर दिया।
सचिन का धरना पार्टी के खिलाफ : रंधावा
पार्टी ने सचिन पायलट को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि माना है। अनशन को लेकर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने सोमवार रात बयान जारी कर सचिन के प्रस्तावित धरने को सीधे तौर पर पार्टी के खिलाफ बताया था। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा था कि सचिन पायलट का आज दिन भर का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर अपनी ही सरकार के साथ उनकी कोई समस्या है तो मीडिया और जनता के वजह पार्टी के प्लेटफार्म पर चर्चा की जा सकती है। मैं पिछले 5 महीनों से एआईसीसी प्रभारी हूं लेकिन पायलट ने अब तक मुझे कभी इस मुद्दे के बारे में नहीं बताया। ना ही मुझसे कोई चर्चा की। मैं उनके साथ संपर्क में हूं और अभी भी उनसे शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत करने की अपील करता हूं, क्योंकि वह निर्विवाद रूप से कांग्रेस पार्टी के एक मजबूत स्तंभ है एक असेट हैं।
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