'अध्यक्ष बने रहने में कोई महत्व नहीं' जानें-जयराम रमेश ने संसद की स्थायी समितियों से क्यों दिया इस्तीफा?
Jairam Ramesh : नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद की स्थायी समितियों से इस्तीफा दे दिया है। जयराम रमेश ने पर्यावरण और विज्ञान पर स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि संसद के जरिए लाए गए तीन विधेयकों को कमेटी के पास नहीं भेजा गया। ऐसे में मुझे इस स्थायी समिति के अध्यक्ष बने रहने में कोई महत्व नहीं दिखता है। जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार ने एक संस्थागत तंत्र को बेकार कर दिया है। ऐसी इन परिस्थितियों में मुझे स्थायी समिति के अध्यक्ष बने रहने में कोई महत्व नहीं दिखता है। जिसके विषय मेरे दिल के बहुत करीब हैं और मेरी शैक्षिक व व्यावसायिक पृष्ठभूमि में फिट बैठते हैं। स्वयंभू सर्वज्ञानी और विश्वगुरु के इस युग में यह सब अप्रासंगिक है।
जयराम रमेश ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट किया कि पिछले कुछ दिनों में संसद में लाए गए तीन अहम विधेयकों को जानबूझकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी स्थायी समिति को नहीं भेजा गया। ये ऐसे विधेयक हैं जो जैविक विविधता अधिनियम, 2002 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में मौलिक संशोधन करते हैं और अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना के लिए हैं। इतना ही नहीं, डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक, 2019 पर समिति ने कई महत्वपूर्ण सुझावों के साथ एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, उसे वापस ले लिया गया है।
मोदी सरकार पर लगाया ये आरोप
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, 2022 को भी दरकिनार कर दिया है। इन परिस्थितियों में मुझे इस स्थायी समिति के अध्यक्ष बने रहने में कोई महत्व नहीं दिखता, जिसके विषय मेरे दिल के बहुत करीब हैं और मेरी शैक्षिक व व्यावसायिक पृष्ठभूमि में फिट बैठते हैं। स्वयंभू सर्वज्ञानी और विश्वगुरु के इस युग में यह सब अप्रासंगिक है। मोदी सरकार ने एक और संस्थागत तंत्र को बेकार कर दिया है।
पहले भी कांग्रेस नेता ने जताई थी आपत्ति
बता दें कि कांग्रेस नेता जयराम ने जैविक विविधता संशोधन विधेयक पास होने पर पहले भी नाराजगी जाहिर की थी। जयराम रमेश ने फोरेस्ट (कनजर्वेशन) अमेंडमेंट बिल पास करने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि सरकार ने स्थायी कमेटी के पास भेजने के बजाय संसद की ज्वॉइंट कमेटी के पास विधेयक भेजा, जिसके अध्यक्ष एक बीजेपी नेता हैं। गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र के दौरान पिछले हफ्ते तीन विधेयक पारित किए थे।