जानिए कब शुरू हो रहा है श्राद्ध पक्ष, पितरों की आत्मा शांति के लिए करे ये काम, लौट आएगी घर में सुख शांति
जयपुर। सनातन धर्म में पितरों की आत्मशांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृ पक्ष का समय बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से पितरों को मोक्ष मिलता है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि इस बार श्राद्ध पक्ष 17 सितंबर को भाद्रपक्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू हो रहे है. मंगलवार को पहला श्राद्ध होगा. उन्होंने बताया कि श्राद्ध निकालने का महत्व सुबह 11:30 बजे के बाद ही बताया गया है.
चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि कि मंगलवार को सुबह 11:43 बजे के बाद पूर्णिमा तिथि शुरू होगी. जो बुधवार को सुबह 8 बजे तक रहेगी. इसलिए पहला श्राद्ध 17 सितंबर को ही निकाला जाएगा. इसके बाद 18 सितंबर को सुबह 8 बजे के बाद प्रतिपदा का श्राद्ध, 19 सितंबर को द्वितीय तिथि, 20 को तृतीय तिथि का श्राद्ध निकाला जाएगा. 21 सितंबर को चतुर्थी तिथि का श्राद्ध व 22 को पंचमी तिथि का श्राद्ध निकले जायेंगे.
पितरों की आत्मा शांति के लिए ये करें
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि श्रद्धा के समय भगवान की पूजा से पहले अपने पूर्वजों की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. पितरों के प्रसन्न होने पर देवता भी प्रसन्न होते हैं. इसको लेकर मान्यता है कि यदि विधि-विधान के अनुसार पितरों का तर्पण न किया जाए तो उन्हें मुक्ति नहीं मिलती और उनकी आत्मा मृत्युलोक में भटकती रहती है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराकर वस्त्र दान देना चाहिए. इससे घर में सुख शांति व प्रसन्नता बनी रहती है व वंश वृद्धि भी होती है.