तुगलकी फरमान से पीछे हटी खाप पंचायत, साफा और दाढ़ी पहन बारात लेकर आया दूल्हा
पाली। राजस्थान के पाली में पिछले दिनों खाप पंचायत ने जारी किए तुगलकी फरमान को वापस ले लिया है। खाप पंचायत ने एक मैकेनिकल इंजीनियर दूल्हे के अपनी शादी में दाढ़ी रखने और पंचों के बताए कलर का साफा नहीं पहनने पर उसके पूरे परिवार को ही समाज से बहिष्कार कर दिया। खाफ पंचायत ने नियमों के हवाला देते हुए दूल्हे ने शादी में गुलाबी कलर की जगह सफेद रंग का साफा पहनने और दाढ़ी रखने को गलत माना था। खाप पंचायत ने पूरे परिवार पर कार्रवाई करते हुए तुगलकी फरमान जारी किया था।
जिसमें पूरे परिवार को सजा सुनाते हुए समाज से बहिष्कार कर दिया था, लेकिन अब समाज ने फैसला वापस लेते हुए लेटर जारी किया है। जिसमें कहा कि दूल्हा-दुल्हन समाज का हिस्सा है। मामला पाली जिले के बाली थाना क्षेत्र का है।
बाली उपखंड के चांचौड़ी गांव के मैकेनिकल इंजीनियर दूल्हा और वेब डेवलपर दुल्हन का आरोप था कि समाज के पंच उन्हें व परिवार को परेशान कर रहे है। समाज के पंच किसी को घर नहीं आने देते थे। इसके चलते उन्हें बाली थाने में मामला दर्ज करवाते हुए ट्वीटर पर राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पाली कलेक्टर व पाली एसपी शिकायत कर न्याय के लिए मदद मांगी थी। इस मामले पर पुलिस ने प्रसंज्ञान देते हुए उनकी शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की थी।
जानिए क्या था मामला…
बाली के चांचौड़ी गांव निवासी अमृत सुथार (26) पुत्र चिमनालाल की 22 अप्रैल 2022 को सामाजिक रीति-रिवाज से बाली निवासी पूजा (22) पुत्री नंदकिशोर सोलंकी के साथ धूमधाम से शादी हुई थी। शादी में समाज के एक हजार से अधिक लोग शामिल हुए। शादी के 15 दिन तक सब कुछ ठीक चला।
लेकिन, 5 मई को अमृत सुथार को पता चला कि उसे और उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया है। ऐसे में दूल्हा पक्ष के अमृत ने समाज के लोगों से कहा कि न तो मैंने लव मैरिज की, न हीं समाज की एक गोत्र में शादी की, फिर भी मुझे समाज से बहिष्कृत क्यों किया गया।
दूल्हे ने समाज के लोगों की शर्तें मानने से किया था इंकार...
इस पर दूल्हा अमृत सुथार व दुल्हन पूजा का आरोप था कि समाज के पंचों की ओर से उसके परिवार को मैसेज कर बताया कि उन्होंने समाज के नियमों के अनुसार शादी नहीं की। दूल्हे ने शादी में दाढ़ी रखी और गुलाबी रंग के साफे की जगह सफेद रंग का साफा पहना है जो नियमों के खिलाफ है। इसको लेकर 9 जून 2023 को समाज के पंच हरीलाल ने पत्र जारी भी किया। जिसमें दूल्हे के सामने शर्त रखी थी कि वह 2 महीने के अंदर पंचों की बैठक बुलाए और पंचों से माफी मांगे। इसके बाद पंच जो भी आदेश दे, उन्हें मान ले। लेकिन, मैकनिकल इंजीनियर दूल्हे ने पंचों की सभी शर्तों को मानने से इंकार कर दिया।
19 जून को समाज के बारवा स्थित विश्वकर्मा मंदिर में बैठक आयोजित की। जिसमें अमृत सुथार और पूजा सुथार के परिवार को भी बुलाया गया, लेकिन वे नहीं पहुंचे। इस पर पंचों ने उसके ससुराल से लेकर समाज के लोगों से उनके साथ संबंध न रखने का दबाव बनाया। अमृत सुथार के ससुराल रानी में भी समाज को लोगों से कहा कि यदि किसी ने मेरे ससुर के परिवार से संबंध रखा तो उसे बाहर कर दिया जाएगा।
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समाज के लोगों द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद अमृत सुथार ने ऑनलाइन दी शिकायत में आरोप लगाया कि इसको लेकर पंच नाराज हो गए। सजाज के लोगों ने दोनों परिवारों को समाज से बहिष्कृत करने का मौखिक आदेश जारी किया और कहा कि जो भी इन दोनों परिवारों से संबंध रखेगा। उन्हें भी समाज से बहिष्कृत कर आर्थिक दंड भी दिया जाएगा।
समाज ने बहिष्कृत का फैसला वापस लिया...
समाज के अध्यक्ष हरीलाल व पदाधिकारी ने बाली थाने में लिखित में बताया कि पुलिस थाना बाली में श्रीविश्वकर्मा वंश सुथार सेवा संस्थान बारवा अध्यक्ष व 30-35 अनजान व्यक्तियों के खिलाफ अमृतलाल सुधार चाचोंडी द्वारा मुकदमा दर्ज करवाया है। जिसके मुकदमा संख्या 109 है। जिसमें समाज से बहिष्कृत करने का आरोप है।
श्री विश्वकर्मा वंश सुथार सेवा संस्थान बारवा का अध्यक्ष होने के नाते समाज द्वारा अमृतलाल सुथार निवासी चाचोंडी को किसी प्रकार से बहिष्कृत नहीं किया गया है। अमृत सुथार निवासी चाचोंडी का परिवार विश्वकर्मा वंश सुथार समाज का अभिन्न अंग है। जो आगे भी रहेगा व हांती पांती में सदैव शामिल रहेगा। साथ जारी लेटर को समाज के बारवा स्थित विश्वकर्मा मंदिर व कार्यलय पर लेटर चस्पा किया।