Amritpal Singh : राजस्थान में छिपा है खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ! 5 बॉर्डर जिलों में सर्च ऑपरेशन
खालिस्तान समर्थक और भगोड़े अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के राजस्थान में छिपे होने के इनपुट मिले हैं। जिसके चलते राजस्थान पुलिस अलर्ट हो गई है और सेंट्रल एजेंसियों के साथ राजस्थान के बॉर्डर इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।
इन जिलों में सर्च अभियान जारी
प्रदेश के सीमावर्ती 5 जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर में यह सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। डीजीपी उमेश मिश्रा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कुछ जिलों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है। एजेंसियों के साथ राजस्थान पुलिस भी इस ऑपरेशन में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जब तक यह ऑपरेशन पूरा नहीं हो जाता इसे सीक्रेट रखा जाएगा। जानकारी है कि एक सीनियर आईपीएस अधिकारी भी इन जिलों में हो रहे इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
18 मार्च से Amritpal Singh चल रहा है फरार
बता दें कि अमृतपाल (Amritpal Singh)18 मार्च से यानी बीते 27 दिनों यानी से फरार चल रहा है। लेकिन उसे अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। इस मुद्दे पर जब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ऑपरेशन अमृतपाल पर सुनवाई हुई थी तो हाईकोर्ट में अमृतपाल को पकड़ने के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन सफल ना होने पर जजों ने नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा था कि आप लोग इतने दिनों से अमृतपाल को पकड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं जिसमें पंजाब पुलिस के 80 हजार से ज्यादा जवान लगे हुए हैं। लेकिन फिर भी उसे भी तक पकड़ा नहीं गया है। यह पंजाब पुलिस की नाकामी है, ऐसा लगता है कि खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल हो गया है।
NSA के तहत कार्रवाई
बता दें कि अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है। उसकी लोकेशन दर लोकेशन ट्रेस की जा रही है, वहां दबिश दी जा रही है लेकिन वह चकमा देकर फरार होता जा रहा है। शुरुआत में खबर आई थी कई अमृतपाल को पकड़ लिया गया है उसे गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन ऐसा नहीं था। वह फरार होने में सफल रहा। अमृतपाल से जुड़े हुए लोग और खालिस्तान समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। जिनकी संख्या 100 से अधिक चली गई है। इस दौरान पुलिस ने भारी हाथी भारी मात्रा में हथियार, तलवार, गोला, बारूद भी जब्त किए हैं।
देशविरोधी गतिविधि बर्दाश्त नहीं
अमृतपाल को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी प्रदेश की जनता से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है उन्होंने कहा कि हम देश के खिलाफ गतिविधियां करने वाली किसी को भी नहीं छोड़ेंगे। प्रदेश के सौहार्द में जो खलल डालेगा, उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
विदेशी फंडिंग के भी मिले सबूत
इससे पहले हाईकोर्ट में पुलिस महा निरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने कहा था कि अमृतपाल के मामले में आईएसआई और विदेशी फंडिंग का शक गहराया जा रहा है। उन्होंने इस संगठन से जुड़े कम से कम 5 व्यक्तियों के खिलाफ रासुका लगाया है और कार्रवाई की है। अमृतपाल सिंह के चार सहयोगियों भगवान सिंह, दलजीत सिंह, गुरमीत सिंह, प्रधानमंत्री बाजेका इन चारों को असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। इनमें अमृतपाल का चाचा भी शामिल है।
आनंदपुर खालसा फौज का कर रहा था गठन
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि हमारे पास सुबूत है कि अमृतपाल और उसके सहयोगी आनंदपुर खालसा फौज नाम से एक गिरोह बना रहे हैं। जिसमें देश विरोधी गतिविधियां शामिल है। इसलिए अमृतपाल और उसके साथियों के खिलाफ एनएसए लगाया गया है। बता दें कि अमृतपाल और उसकी गिरोह के साथियों पर छह एफआईआर दर्ज हैं। जिसमें अवैध हथियार रखने के अलावा राजकार्य में बाधा डालना और पुलिस पर जानलेवा हमला करना भी शामिल है।
नशा मुक्ति केंद्रों में दिया जाता था आतंकी प्रशिक्षण
नशा तस्करी करने वाले और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को आर्थिक मदद भी देते थे। यही नहीं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI उसे हथियार, गोला, बारूद दे रहे थे। अमृतपाल (Amritpal Singh) यहां पर एक नशा मुक्ति केंद्र में संचालित कर रहा था, जिसकी आड़ में वह युवाओं को मानव बम बनाने की ट्रेनिंग देता था।
अमृतपाल (Amritpal Singh) की वारिस पंजाब दे के संगठन की तरफ से जिन नशा मुक्ति केंद्र को संचालित किया जाता था। उनका इस्तेमाल हथियार का स्टॉक हथियारों का स्टॉक रखने के लिए भी किया जाता था। यहां पर कोई डॉक्टर नहीं होते थे, इन केंद्रों पर वही काम होता था जो अमृतपाल की तरफ से दिया आता था। जो अमृतपाल की बात नहीं मानता था उसे बुरी तरह पीटा जाता था।