IPO में पैसा लगाते वक्त इन 5 बातों का रखें ध्यान, अलॉट होने पर होगा मोटा मुनाफा?
साल 2023 में कई दिग्गज कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से शेयर मार्केट में धमाकेदार एंट्री मारी है। वहीं अगले साल भी कई कंपनियां अपने आईपीओ को बाजार में उतारने के लिए लाइन में हैं। ऐसी स्थिति में निवेशकों को आईपीओ से शानदार कमाई हो रही है तो नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। आईपीओ के नुकसान से बचने के लिए निवेशकों को कुछ बातों को ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इससे आपके आईपीओ अलॉटमेंट का भी रास्ता सरल हो जाता है।
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(1) पेन कोर्ड को लेकर नहीं करें ये गलती
अक्सर देखा जाता है कि कई निवेशकों के पास एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट होते है और वो यह सोचकर सभी अकाउंट्स से अप्लाई करते है कि शायद इससे उनका आईपीओ लगने की संभावना बढ़ जाती हैं। लेकिन ऐसा करने से आपका आवेदन कैसिंल हो सकता है। IPO में उम्मीदे बढ़ाने के लिए आप अपने परिवार के लोगों के पैन कार्ड वाले डीमैट खातों से अप्लाई कर सकते हैं।
(2) आंखे बंद करके न करे GMP पर भरोसा
अक्सर कई लोगों को देखा जाता है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP चेक करते हैं और फिर यह सोचकर आईपीओ में पैसा लगा देते हैं कि कंपनी को ग्रे मॉर्केट में अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है तो तकड़ी कमाई कर सकते है। याद रखें कि ग्रे मार्केट प्रीमियम कंपनी की लिस्टिंग के बारे में अनुमान लगाने का तरीका जरूर हो सकता है लेकिन यह इस बात की गारंटी नहीं है कि लिस्टिंग खराब या अच्छी होगी।
(3) जानिए क्या है कंपनी का आईपीओ लाने का मकसद
आईपीओ में अप्लाई करने वाले सभी निवेशकों को यह जान लेना भी बहुत जरूरी है कि कंपनी अपना आईपीओ क्यों ला रही है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि प्रमोर्टर्स खुद मुनाफा बनाने के बाद कंपनी के घाटे में होने पर माहौल बनाकर आईपीओ लाए हैं। ताकि खुद का मुनाफावसूली करने शेयर्स को डंप करने निकलते बने।
(4) कर्जा लेकर नहीं करें आईपीओ अप्लाई
अक्सर देखा जाता है कि कई लोग लोन लेकर आईपीओ में दांव खेलते है और फिर मुनाफा खुद रखकर बैंक या अपने दोस्त से लिया कर्जा वापस कर देंगे। यह गलती यह होती है कि शेयर बाजार हमेशा अनुमान के मुताबिक नहीं चलता है। यदि लिस्टिंग में लोस होता है तो पैसा फंस जाता है या फिर उसे लॉस में ही इसे निकालना पड़ता है।
(5) कट ऑफ प्राइस का रखें ध्यान
आईपीओ का आवेदन करते समय कई नए निवेशक यह गलती करते हैं कि वो कट ऑफ प्राइज का विकल्प नहीं चुनते है। उन्हें लगता है कि इससे वो कम धनराशि में अधिक शेयर्स खरीद सकेंगे। लेकिन ऐसा करने पर आपका आईपीओ लगने की संभावनाएं कम हो जाती है। इसीलिए हमेशा आईपीओ के लिए अप्लाई करते समय कट ऑफ प्राइस के ऑप्शन को जरूर टिक करें।