दक्षिणावर्ती शंख को रखें पूजा स्थल में, देवी लक्ष्मी की होगी कृपा
सनातन धर्म में धन की देवी मां लक्ष्मी कों प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय और पूजा पद्धतियां बताई गई हैं। इन्हें सही तरीके से किया जाए तो लक्ष्मी माता जल्द प्रसन्न होती है। मां लक्ष्मी से जुड़े यन्त्रों और प्रियचीजों को अगर सही दिशा में रखा जाए तो उनकी कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही धन की कमी नहीं होगी। लक्ष्मी की प्रिय वस्तुओं में शंख भी माना जाता है।
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शास्त्रों में कई तरह के शंखों के बारे में बताया गया है। इनमें भी दक्षिणावर्ती शंख प्रमुख माना गया है। इसकी नियमित पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और कृपा बरसती है। शंख को पूजा स्थल में रखना शुभ माना जाता है । इसके साथ ही नित्य प्रति शंख बजाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
समुद्र मंथन से हुई थी दक्षिणावर्ती शंख की उत्पत्ति
शास्त्रों में बताया गये शंखों में दक्षिणावर्ती शंख विशेष स्थान रखता है। अधिकतर शंखों का मुख बाईं ओर खुलता है । लेकिन दक्षिणावर्ती शंख का मुख दाईं तरफ खुलता है। इस शंख को दिव्य माना जाता है। मान्यतानुसार इस शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। इसे मां लक्ष्मी का भाई भी माना जाता है। जहां यह शंख होता है वहां लक्ष्मी माता का वास होता है। शंख की पूजा से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
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मां लक्ष्मी के पास रखें शंख
दक्षिणावर्ती शंख में पानी भरकर पूजा स्थल पर रखना चाहिए। इसे लाल कपड़ा बिछाकर रखें। इसे पूजा घर में मां लक्ष्मी के पास रखना चाहिए। इसमें गंगाजल और कुश रखना चाहिए। इसे नियमित रुप से धूप-दीप दिखाकर एक आसन पर बैठ जाएं और ओम श्री लक्ष्मी सहोदराय नम: ,मंत्र का जप करें। इस मंत्र की कम से कम 5 माला का जाप करने से लक्ष्मी का घर में स्थायी निवास होता है। इसके बाद शंख में भरे हुए पानी से पूरे घर में छिड़काव करें । इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण में सकारात्मकता आती है।