पेपर लीक पर कटारिया ने कहा- एंटी चीटिंग एक्ट बनाकर मेहरबानी की है क्या? धारीवाल ने कहा – मामला CBI को दिया तो 15 साल तक टल जाएगी परीक्षा
Rajasthan Assembly Budget Session : पेपर लीक मामले पर आज सदन गर्माई रही। विपक्ष ने पेपर लीक पर सरकार पर जमकर सवाल उठाए तो सत्ता पक्ष ने भी उसका जवाब दिया। जिसके बाद विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मेहरबानी तो आप करो कि क्योंकि उत्तर प्रदेश में पेपर लीक हुआ तो राजस्थान को भी अधिकार मिल गया कि पेपर लीक तो यहां पर भी हो। आपने कहा कि आपने एंटी चीटिंग बिल लाए, तो आपने कोई मेहरबानी की है क्या? ये तो समय की मांग थी कि उस बिल को बनान बेहद जरूरी हो गया था अब वक्त ऐसा है तो फिर कोई प्रावधान किया जाएगा।
फास्ट ट्रैक में नहीं दिया केस
कटारिया ने तीखे तेवरों में कहा कि आपने मामले की जांच में ढीलापन कर इसे और ज्यादा पेचीदा कर दिया है। एंटी चीटिंग एक्ट के तहत कार्रवाई आप इसलिए अभी तक नहीं कर पाए क्योंकि आपने केस को फास्ट ट्रैक में नहीं डाला अगर डालते तो आरोपी को उसके तहत सजा मिलती। इधर यूडीएच मंत्री शांति धारिवाल ने कहा कि आरोपी को सजा देना सरकार का काम नहीं है वह कोर्ट का काम है। हमारा काम निष्पक्ष जांच कराने का है और पुलिस चार्जशीट बनाती है उसे कोर्ट में पेश किया जाता है।
खारिज करता हूं CBI की मांग
CBI जांच को लेकर शांति धारिवाल ने कहा कि पिछले 10 साल में 12 केस CBI को भेजे गए उनमें से 10 केस दर्ज किए। जिनमें 7 में क्लोज़र रिपोर्ट दे दी। एक को दोषमुक्ति और 2 अभी भी इन्वेस्टिगेशन में चल रहे हैं। कालीचरण जी खुद सीबीआई से डरते हैं। शिवानी कांड का नाम लेते हुए धारीवाल ने कहा कि तब कालीचरण मंत्री थे, तब भैरों सिंह शेखावत ने कहा था कि मामला सीबीआई में नहीं जाता तो राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती थी, मामला सीबीआई को दिया तो 15 साल तक परीक्षा नहीं हो पाएगी, बच्चों का भविष्य ही खराब हो जाएगा। CBI मांग को खारिज करता हूं, क्योंकि राजस्थान पुलिस सक्षम है।