पत्नी ने निभाया अपना फर्ज! पति की जिंदगी के लिए खतरे में डाल दी अपनी जान, डूबने नहीं दिया अपना 'चांद'
Chambal River : करौली। पति-पत्नी के बीच झगड़े के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। छोटी से छोटी बात को लेकर पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आ जाती है। लेकिन, इन दरकते रिश्तों के बीच राजस्थान के करौली जिले की एक महिला प्रेरणा स्त्रोत बनकर सामने आई है। महिला ने पति को बचाने के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा दी। दरअसल, हुआ यूं कि करौली जिले के मंडरायल क्षेत्र में एक युवक चंबल नदी के किनारे खड़ा था। तभी मगरमच्छ ने उस पर हमला बोल दिया। पत्नी ने जब यह देखा तो उसने भी पानी में छलांग लगा दी। मगरमच्छ ने उसके पति के पैर को जबड़े में पकड़े हुए थे। लेकिन, महिला बिना डरे 5 मिनट तक मगरमच्छ से लड़ती रही और आखिरकार अपने चांद को डुबने से बचा लिया। जिसने भी यह खबर सुनीं, वो महिला की तारीफ करने से खुद को नही रोक पाया। सोशल मीडिया पर भी महिला की जमकर तारीफ हो रही है।
जानकारी के मुताबिक पशुपालक बनी सिंह मीणा निवासी केमकच्छ मंगलवार को चंबल नदी में बकरियों को पानी पिलाने के लिए लेकर गया था। तभी पशुपालक को भी प्यास लगी और वह खुद भी चंबल के किनारे बैठकर पानी पीने लगा। अचानक मगरमच्छ ने उस पर हमला बोल दिया और बुरी तरह जख्मी कर दिया। पशुपालक बनी सिंह मीणा के पैर को मगरमच्छ ने अपने जबड़े में जकड़ लिया। पति की चीख पुकार सुन पत्नी मौके पर पहुंची और नदी में छलांग लगा दी।
्परत्नी विमल बाई ने हिम्मत दिखाते हुए मगरमच्छ पर डंडे से हमला बोल दिया और पति बनी सिंह को मगरमच्छ के जबडे से छुड़ाया। इस दौरान करीब 5 मिनट तक महिला मगरमच्छ से लड़ती रही। जब लाठी के वार पर भी मगरमच्छ ने पति का पैर नहीं छोड़ा तो महिला ने आंख में लाठी घुसा दी। इस पर मगरमच्छ ने युवक का पैर छोड़ दिया। समय रहते महिला ने ग्रामीणों की सहायता से पति को बाहर निकाला और मंडरायल सीएचसी में भर्ती कराया। जहां से गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। फिलहाल, युवक की हालत खतरे से बाहर है।
पत्नी विमला बोलीं-मैंने निभाया अपना फर्ज
पशुपालक बने सिंह की पत्नी विमला ने बताया कि मैंने मेरा पत्नी होने का फर्ज निभाया है। मेरे पति को बचाने में अगर मेरी जान भी चली जाती, तो मैं दे देती। पत्नी को छुड़वा कर मैंने भी दूसरा जन्म लिया है। मगरमच्छ मेरे पति को जबड़े में लेकर गहरे पानी में ले जा रहा था। लेकिन, मुझे यह भय नहीं लगा था कि मैं मौत से जंग लड़ रही हूं। मेरे पति घायल हुए हैं, लेकिन वो जल्द ही ठीक हो जाएंगे।
पत्नी ने बचाया तो ये बोला पति
इधर, घायल पशुपालक बनी सिंह ने बताया कि आंखों के सामने मौत थी, लेकिन पत्नी ने बचा लिया। पशुपालक ने कहा कि एक पैर मगरमच्छ के जबड़े में था तो दूसरा पैर पानी में था। मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं बचूंगा, लेकिन मुझे मेरी पत्नी ने बचा लिया। पत्नी के इस कर्ज का अहसान में कभी नहीं चुका पाऊंगा। क्योंकि मेरी पत्नी ने मुझे नया जीवन दिया है। अगर वो साहस नहीं दिखाती तो मेरी जान जा सकती थी।
सोशल मीडिया पर छाई विमला बाई
पशुपालक बनी सिंह को मगरमच्छ से बचाने के बाद जैसे ही इसकी खबर लोगों को पता चली की पत्नी विमला बाई ने हिम्मत दिखाकर मगरमच्छ पर डंडे से ताबड़तोड़ वार कर अपने पति को बचाया है। उसके बाद से विमला बाई सोशल मीडिया पर छा गई है। हर कोई इस साहसी महिला की तारीफ करने से अपने आप को नही रोक पा रहा है। लोगों का कहना है कि ऐसी साहसी महिला को शासन प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए। जिससे अन्य महिलाओं में भी हौसला बढ़ सके।
(रिपोर्टर: सागर शर्मा)