नहीं रहे कैलाश भंसाली…छात्र राजनीति से शुरू किया सियासी सफर, जोधपुर शहर से लगातार 2 बार रहे MLA
Kailash Bhansali : जोधपुर। जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे कैलाश भंसाली का देर रात निधन हो गया। वो काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और जोधपुर के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जहां देर रात 81 वर्षीय पूर्व विधायक भंसाली ने अंतिम सांस ली।
पूर्व विधायक भंसाली के निधन के बाद जोधपुर शहर में शोक की लहर दौड़ गई है। भंसाली को श्रद्धांजलि देने के लिए बीजेपी नेता उनके घर A-225 शास्त्री नगर पहुंच रहे है। कैलाश चंद भंसाली का आज शाम 4.30 बजे सिवांची गेट स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बता दें कि से कैलाश भंसाली साल 2008 और 2013 में लगातार जोधपुर शहर विधानसभा से विधायक चुने गए थे। लेकिन, बीजेपी ने 2018 के चुनाव की तरह इस बार भी कैलाश भंसाली के भतीजे अतुल भंसाली को चुनावी रण में उतारा है।
जानें-कैसा रहा कैलाश भंसाली का राजनीतिक सफर?
जोधपुर में 18 फरवरी 1942 को जन्मे कैलाश चंद भंसाली ने कॉलेज के दिनों से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। वो साल 1958 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य बने। साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राज्य कार्यकारिणी का भी हिस्सा थे। भंसाली साल 1961 में एसएमके कॉलेज जोधपुर के छात्रसंघ के सचिव बने। साल 1964 में वे जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के महासचिव बने। साल 1977-78 तक वे जनता पार्टी जोधपुर के जिला सचिव रहे।
कैलाश चंद भंसाली साल 1960 से जोधपुर के सभी सार्वजनिक चुनावों में शामिल रहे। साल 2005 में वो राजस्थान भाजपा की राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष बने। इसके बाद साल 2008 में भंसाली ने पहली बार जोधपुर शहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने कांग्रेस के जुगल काबरा को करीब 8,500 वोटों से हराया और पहली बार विधायक चुने गए।
इसके बाद साल 2013 में बीजेपी ने भंसाली को चुनावी रण में उतारा। तब भंसाली ने कांग्रेस के सुपारस भंडारी को 14,500 से अधिक मतों से हराया और लगातार दूसरी बार विधायक बने। हालांकि, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भंसाली के भतीजे को टिकट दिया, जो दूसरे स्थान पर रहे थे। इस बार भी बीजेपी ने भंसाली के भतीजे को ही चुनावी रण में उतारा है।
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