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जोशीमठ मामला : सुप्रीम कोर्ट में कल सूचीबद्ध होगा केस, राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की उठाई गई है मांग

03:55 PM Jan 09, 2023 IST | Jyoti sharma
जोशीमठ मामला   सुप्रीम कोर्ट में कल सूचीबद्ध होगा केस  राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की उठाई गई है मांग

नई दिल्ली। जोशीमठ मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में दाखिल स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने इस मामले को कल मंगलवार को फिर  से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। इस याचिका में जोशीमठ में जमीन धंसने के मामले को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को कहा गया है। इस मामले में प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के लिए भी मांग की गई थी।

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जोशीमठ के पीड़ितों को मुआवजे की मांग

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से पेश हुए वकील परमेश्वर नाथ मिश्रा ने याचिका को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया जिस पर पीठ ने उन्हें प्रक्रिया का पालन करने और कल मंगलवार को फिर से उल्लेख करने के लिए कहा।

बता दें  कि कोट में दाखिल स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तर्क दिया है कि बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण जोशीमठ में यह संकट आया है। उन्होंने उत्तराखंड के लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजा दिए जाने की मांग की। इसके साथ ही इसे इस संकट को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी NGT को निर्देशित करने की भी मांग की।

दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंचा मामला

याचिका में कहा गया है  कि मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी भी विकास की जरूरत नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी होता है, तो उसे युद्ध स्तर पर तत्काल रोकना राज्य और केंद्र सरकार का दायित्व है। बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जोखिम वाले घरों में रह रहे 600 परिवारों को तत्काल प्रभाव से वहां से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है।

इधर इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में भी पहुंचाया गया। इस पर कोर्ट ने जोशीमठ के वकील से कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उसे हाईकोर्ट में क्यों लाया गया है। सुनवाई के दौरान वकील रोहित दांद्रियाल ने चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद के सामने याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए पेश किया। इस पर पीठ ने पिछले लंबित मामलों की जानकारी हासिल करने को कहा। पीठ ने कहा कि अगर इसी समस्या पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका है तो क्या हाईकोर्ट को इसे देखना चाहिए। इस पर आप पहले जानकारी इकट्ठा कीजिए फिर कोर्ट में पैरवी कीजिए।

जमीन धंसने के मामले में गठित हो कमेटी

बता दें कि वकील ने अपनी याचिका में जोशीमठ में जमीन धंसने के मुद्दे की जांच को लेकर रिटायर्ड की अगुवाई में समिति गठित करने के लिए केन्द्र सरकार को निर्देश देने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की अपील की है। इस याचिका में जोशीमठ में रहने वाले 3000 से अधिक लोगों की समस्याओं को उठाया गया है गौरतलब है कि जोशीमठ के 570 घरों में दरारें आ गई हैं।

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