12वीं में 94%, लिटरेचर में डिग्री...अब संन्यासिन की राह, दीक्षा लेकर घर से विदा होंगी राजस्थान की ये 3 बेटियां
Jodhpur Three Daughters Initiation: राजस्थान की ब्लू सिटी कहे जानी वाली जोधपुर नगरी का धार्मिकता का रंग भी अनूठा है जहां इन दिनों भक्ति की शक्ति के एक उदाहरण की खासी चर्चा हो रही है. दरअसल जोधपुर में कम उम्र में ही 3 बेटियां सांसारिक सुख त्याग कर संन्यास लेने जा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक यह तीनों बेटियां 16 जनवरी को दीक्षा लेकर एक भिक्षु (मुमुक्षु) की तरह घर से हमेशा के लिए विदा लेंगी. बता दें कि दीक्षा लेने 3 बेटियों में दो जोधपुर एक गंगापुर सिटी की रहने वाली है जिनके तीनों के ही पिता व्यापारी हैं.
मंगलवार को जोधपुर के जैन हितेषी श्रावक संघ द्वारा बीजेएस कॉलोनी स्थित हनुमंत गार्डन में होने वाले इस दीक्षा समारोह को लेकर लोगों में खासी उत्सुकता देखी जा रही है जहां जोधपुर की बेटी खुशी एवं ऋिद्धि बाफना और गंगापुर की बेटी नेहा जैन पूरे विधि विधान के साथ दीक्षा ग्रहण करेंगी.
18 साल की सबसे कम उम्र की है ऋिद्धि
वहीं दीक्षा लेने वाली खुशी महज 19 साल की उम्र में सांसारिक सुखों और मोह को त्याग करने का फैसला किया है जिसने 12वीं कॉमर्स में 94 प्रतिशत के साथ टॉप किया था. वहीं जोधपुर की बेटी 18 साल की ऋिद्धि बाफना भोपालगढ़ की रहने वाली है जिसने संतों के विचारों को सुनकर त्याग के रास्ते पर जाने का मन बनाया.
इसके अलावा गंगापुर की रहने वाली 27 साल की नेहा जैन का मानना है कि जन्म और मरण के जंजाल से संयम के रास्ते पर ही मुक्ति संभव है. नेहा ने हिंदी लिटरेचर में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है. रिद्धि ने जब पहली बार अपने घरवालों को सन्यास के बारे में बताया तो उन्होंने मना कर दिया लेकिन बाद में वह भी मान गए.
खुशी के 12वीं में आए 94 प्रतिशत
वहीं दीक्षा लेने वाली खुशी का कहना है कि इस दुनिया में कुछ भी परमानेंट नहीं है और मुझे परमानेंट रास्ता चाहिए जो कि मोक्ष का रास्ता है. बता दें कि खुशी 2 बहनों और एक भाई में सबसे छोटी है खुशी ने जोधपुर के महावीर पब्लिक स्कूल से कॉमर्स स्ट्रीम में पढ़ाई की है और 12वीं क्लास में खुशी के 94 प्रतिशत नंबर आए थे.
आत्मा उत्थान के लिए ये रास्ता जरूरी
वहीं गंगापुर सिटी की रहने वाली नेहा जैन (27) का कहना है कि सांसारिक मोह माया को त्याग कर संयम का पथ अपनाने से ही आत्मा का उत्थान संभव है. नेहा ने बताया कि उनके गंगापुर सिटी में हुए एक कार्यक्रम को देखकर उसकी इच्छा धर्म को जानने की हुई. नेहा के पिता राजेंद्र नौकरी करते हैं और वह एक भाई और दो बहनों में सबसे बड़ी है. नेहा ने एमए हिंदी की पढ़ाई गंगापुर सिटी से पूरी कर रखी है.