जोधपुर हत्याकांड ने पुराने जख्म किए ताजा, 8 माह पहले लोहावट में ऐसा ही 'खौफनाक' मंजर आया था सामने
Lohawat massacre : जोधपुर। जिले के ओसियां थाना क्षेत्र के रामनगर में बुधवार तड़के दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। हत्यारों ने आपसी रंजिश के चलते एक ही परिवार के 4 लोगों की गला रेंत कर हत्या दी। इतना ही नहीं हत्या के बाद चारों शवों को झोपड़ी में ले जाकर जला दिया। बुधवार सुबह चारों के शव घर के आंगन में जले हुए मिले। इस नृशंस ह्त्याकांड के बाद विपक्ष लगातार गहलोत सरकार पर निशाना साध रही है। वहीं, कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने भी अपनी ही सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है। विधानसभा में इस हत्याकांड की गूंज सुनाई दी। लेकिन, इस हत्याकांड की बारे में जिसने भी सुना, वो हैरान है। हर किसी के जेहन में एक ही सवाल है कि आखिर इस घटना को किसने और क्यों अंजाम दिया। लेकिन, जोधपुर जिले में हुए सामूहिक हत्याकांड ने पुराने जख्मों को फिर से ताजा कर दिया है। करीब 8 महीने पहले लोहावट में भी ऐसा ही खौफनाक मंजर देखने को मिला था।
ओसियां थाना क्षेत्र के रामनगर में जिस तरीके से पूनाराम (55), उसकी पत्नी भंवरी (50), बहू धापू (24) और उसकी 6 महीने की बच्ची की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या की गई और फिर शवों को घसीटते हुए झोपड़ी में ले जाकर आग लगा दी गई। इसी तरह पिछली साल नवंबर महीने के पहले सप्ताह में जोधपुर के लोहावट थाना क्षेत्र में भी एक शराबी ने अपनी परिवार की निर्मम हत्या की थी। ओसियां हत्याकांड का कारण जहां आपसी रंजिश बताया जा रहा है। वहीं, लोहावट हत्याकांड की वजह थी शराब पीने से टोकना।
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ये है लोहावट हत्याकांड की पूरी कहानी
दरअसल, लोहावट थाना क्षेत्र के पीलवा गांव की विश्नोईयों की ढाणी में रहने वाला 38 वर्षीय शंकर विश्नोई शराब पीने का आदी था। लेकिन, उसकी इस लत से घरवाले काफी परेशान थे। परिवार के लोग अक्सर उसे नशे की लत छोड़ने के लिए कहते थे। यह बात शंकर को इतनी नागवार गुजरी थी कि उसने पिछले साल 3 नवंबर की शाम पूरे परिवार को ठिकाने लगाने की प्लानिंग बनाई। उसने पहले नींबू की शिकंजी बनाई और फिर उसमें नींद की गोलियां मिला दी। इसके बाद पूरे परिवार को पिला दी। जिससे पूरा परिवार गहरी नींद में सो गया। आरोपी ने पहले 55 वर्षीय पिता सोनाराम की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या की।
इसके बाद मां चंपादेवी और भाई लक्ष्मण के 12 साल के बच्चे की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शवों को टांके में फेंक दिया। पत्नी के पास सो रहे बच्चे को भी आरोपी उठाकर ले गया और पानी में डुबोकर मार डाला। इसके बाद आरोपी पड़ोस में रहने वाले अपने मामा के घर गया और टांके में कूदकर खुदकुशी कर ली थी। इस घटनाक्रम के दौरान शंकर के भाई का परिवार भी घर में था। लेकिन, वो लोग कमरा बंद कर सो रहे थे। जिसके चलते उनकी जान बच गई थी।