झालावाड़ : मानवता को शर्मसार करने वाली घटना, गांव में नहीं है मुक्तिधाम, खेत में ही करना पड़ा दाह संस्कार
झालावाड़। राजस्थान के झालावाड़ जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां पर एक व्यक्ति की मौत के बाद अंतिम समय में दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट तक नसीब नहीं हुआ। बारिश में भीगते हुए परिजनों को मजबूर होकर खेत में ही उसका दाह संस्कार करना पड़ा। यह मामला झालावाड़ जिले की सबसे बड़ी पंचायत समिति सुनेल की ग्राम पंचायत मगीसपुर के कुण्डला प्रताप गांव का है। जानकारी के अनुसार, कुण्डला प्रताप गांव के मुकेश पाटीदार की खेत में सोयाबीन की बुआई करते समय अचानक तबियत बिगड़ गई। उसे राजकीय इब्राहिम समुदायक चिकित्सालय सुनेल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजन के सुपुर्द कर दिया। परिजन जब मृतक को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जा रहे तो उस दौरान तेज बारिश हो रही थी। मृतक के परिजनों ने बारिश थमने का इंतजार किया। लेकिन, जब बारिश नहीं रूकी तो थक हारकर परिजनों ने हल्की बारिश में कच्ची सड़क के पास खुली जगह पर आसमान के नीचे मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया।
गांव में मुक्तिधान नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने बताया कि आजादी से अबतक गांव में मृतकों को जलाने के लिए शांतिधाम ही नहीं बनाया है। यहां कई सरपंच बने, लेकिन कभी श्मशान घाट का निर्माण नहीं करवाया और ना ही पंचायत विभाग ने कभी शांतिधाम बनवाने में रुचि दिखाई। जिले में बैठे अधिकारी भी इस बारे में कोई ध्यान नहीं देते है। ऐसे में जब तस्वीर बयां करती हैं तो प्रशासन की पोल खुलती दिखाई देती है।
(इनपुट-ओमप्रकाश शर्मा)