झालावाड़ में डबल मर्डर का आरोपी गिरफ्तार, डेढ़ साल से चल रहा था फरार
झालावाड़। राजस्थान के झालावाड़ जिले में आपसी रंजिश में मई 2021 में हुई दो लोगों की हत्या के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। झालावाड़ पुलिस ने आरोपी कमल सिंह उर्फ कमलेश सिंह (33 वर्ष) को एमपी के मंदसौर में भैंसोला गांव से गिरफ्तार किया है। आरोपी कमलेश सिंह भी गंगपुरा का ही रहने वाला है। पुलिस इस दोहरे हत्याकांड में 11 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
15 लोगों पर दर्ज हैं हत्या का आरोप
झालावाड़ एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि 15 मई 2021 को भवानी मंडी थाना इलाके के गंगपुरा गांव में आपसी रंजिश के चलते दो लोगों की जघन्य हत्या कर दी थी। गंगपुरा गांव निवासी शिकायतकर्ता मोहनलाल गुर्जर ने भवानीमंडी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक पुरानी रंजिश के चलते गांव के करीब 15 लोगों ने मिलकर गिर्राज, विक्रम और बसंती लाल पर तलवार और लाठियों से मारपीट की। गंभीर घायल गिर्राज और बसंती लाल गुर्जर की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
11 आरोपी पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार
एसपी तोमर ने बताया कि पुलिस जांच के दौरान पूर्व में इस हत्याकांड के 11 अन्य आरोपी फूल सिंह, गोविंद सिंह, नेपाल सिंह, सरदार सिंह, हुकुम सिंह, बहादुर सिंह, सूरज सिंह, जयपाल सिंह, बलवीर सिंह, ईश्वर सिंह और सुख सिंह उर्फ सूरत सिंह को गिरफ्तार कर फरार आरोपियों की लगातार तलाश की जा रही थी। बुधवार को साइबर टेक्नीक और मुखबिर तंत्र से मिली सूचना के आधार पर एसएचओ रामनारायण भंवरिया ने अपनी टीम के साथ एमपी के मंदसौर के भैंसोला गांव में आरोपी के छिपे होने के ठिकाने पर दबिश दी। जहां से आरोपी कमल सिंह उर्फ कमलेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब उसे कोर्ट में पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बांध की जमीन पर किया अवैध खनन, विरोध करने पर की हत्या
दरअसल, पीपलाद बांध की जमीन पर गंगपुरा के ही कुछ लोग अवैध खनन कर रहे थे। जिसका गांव के ही एक परिवार ने विरोध किया था। इसी बात से नाराज होकर खनन माफियाओं ने योजना के साथ बांध के पास ही विरोध करने वाले परिवार पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस घटना में गंगपुरा का खेड़ा निवासी गिर्राज और बसंतीलाल गुर्ज की मौत हो गई थी। जबकि विक्रम गुर्जर भी घायल हो गया था। सिर और गर्दन में गम्भीर चोटें आने के कारण गिर्राज और बसंतीलाल गुर्जर की मौत हो गई थी। विक्रम गुर्जर ने इजाल के दौरान झालावाड़ के अस्पताल में दम तोड़ दिया।
पुलिस को देख नाव में बैठकर फरार हुए हमलावर
अवैध खनन और हत्याकांड को देखते हुए तत्कालीन डीएसपी गोपीचंद मीणा और एएचओ महावीरसिंह ने पुलिस टीम के साथ गांव में पहुंचकर हमलावरों की तलाश की। पुलिस के आने की सूचना पाकर आरोपी बांध में मौजूद नाव में बैठकर भाग निकले। उनका पीछा करते हुए डीएसपी और थानाधिकारी ने कुछ लोगों को पकड़ लिया था। फिर मिश्रौली और सुनेल पुलिस थाने के जाप्ते के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन कर आरोपियों की तलाश में उनके ठिकानों पर पुलिस ने दबिश दी थी।