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Sach Bedhadak Exclusive : हरियाली पर चल रही जेसीबी, सैंकड़ों पेड़ों की चढ़ रही बलि

इसके चलते करीब पांच किलोमीटर का हरा-भरा क्षेत्र वीरान हो गया है। इतना ही नहीं काटे जाने वाले पेड़ों में अधिकांश 10 से 20 वर्ष से भी अधिक समय के लगे हुए पेड़ हैं।
09:07 AM May 14, 2023 IST | Anil Prajapat
sach bedhadak exclusive   हरियाली पर चल रही जेसीबी  सैंकड़ों पेड़ों की चढ़ रही बलि

(निरंजन चौधरी) : जयपुर। प्रदेशभर में एक तरफ कई सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं की ओर से पेड़ लगाने का काम किया जा रहा हैं, वहीं दूसरी ओर रींगस से खाटूश्यामजी के करीब 16 किलोमीटर लम्बे रास्ते से रोजाना हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। स्थिति यह है कि पिछले दिनों यहां सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं। इसके चलते करीब पांच किलोमीटर का हरा-भरा क्षेत्र वीरान हो गया है। इतना ही नहीं काटे जाने वाले पेड़ों में अधिकांश 10 से 20 वर्ष से भी अधिक समय के लगे हुए पेड़ हैं।

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जब सच बेधड़क संवाददाता ने मौके पर जाकर देखा तो सुबह के वक्त मुख्य मार्ग के बगल में बनाई जा रही सड़क के लिए जेसीबी हरे पेड़ उखाड़ते हुए नजर आई। जेसीबी के कर्मचारी से बात की तो उन्होंने कलेक्टर से लेकर पूरे प्रशासन के आदेश का हवाला दे डाला। पैदल आने वाले भक्तों के लिए ये पेड़ गर्मी में संजीवनी साबित होते हैं। इस मामले में सीकर उप वन संरक्षक वीरेंद्र सिंह से बात करनी चाही तो उन्होंने बिना मामले को सुने ही फोन काट दिया।

Sach Bedhadak Exclusive : यह है पूरा मामला 

रींगस से खाटूश्यामजी तक पदयात्रियों के लिए पिछले दिनों मुख्य मार्ग के पास ही समानांतर सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ। इसके बाद यहां करीब 5 किलोमीटर की सड़क बनाई गई। जहां सड़क बनाई जा रही है उसी लाइन में कई वर्षों पुराने पेड़ थे जो रोड पर हमेशा छाया रखते थे। प्रशासन की मिलीभगत से बाधा बन रहे इन सभी पेड़ों को जेसीबी से उखाड़ दिया गया। अब बाकी के क्षेत्र में जो पेड़ बचे हैं उनको भी उखाड़ने की तैयारी चल रही है। गौरतलब है कि यहां जेसीबी से रोजाना कई पेड़ों को उखाड़ा जा रहा है।

पेड़ों का काटा जाना हानिकारक

मौसम विशेषज्ञ हिमांशु सिहं के अनुसार पेड़ का काम गर्मी को नियंत्रित करना होता है। पेड़ जीवनदायिनी गैस ऑक्सीजन देते हैं। अगर किसी जगह पेड़ गलत तरीके से काटे जा रहे हैं तो इनको रोका जाना चाहिए।

बिना अनुमति हरे पेड़ काटना अपराध 

सरकार की अनुमति के बिना हरे पेड़ काटने पर भारतीय वन कानून 1927 के सेक्शन 68 के अंतर्गत पर्यावरण कोर्ट में मामला दर्ज किया जा सकता है। पेड़ काटने के दोषी को 6 माह से लेकर 3 साल की जेल हो सकता है।

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जानें-किसने क्या कहा…

खाटूश्याम मंदिर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मोहन दास महाराज का कहना है कि नई सड़क बनाने में बाधा बन रहे छोटे पेड़ या झाड़ियों को हटाया जा रहा है। अगर इस आड़ में बड़े पेड़ काटे जा रहे हैं तो यह बिल्कुल गलत है। मामले को दिखवा लेता हूं। खाटूश्याम मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष श्याम सिंह ने कहा कि मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है। मैं इस मामले को दिखवा लेता हूं। सीकर कलेक्टर अमित यादव का कहना है कि पदयात्रा मार्ग में बनाए जा रहे रास्ते में बबूल के पेड़ काटने का जरूर आदेश दिया था। अगर इसकी आड़ में दूसरे बड़े पेड़ काटे गए हैं तो मैं इस मामले को दिखवा लेता हूं।

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