होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

Janmashtami 2023: कब मनाएं जन्माष्टमी आज या कल? जानें, शुभ मुहूर्त कब और कितने मिनट रहेगा

Janmashtami 2023: इस बार जन्माष्टमी को लेकर बड़ा कन्फ्यूज है। कुछ लोग 6 सितंबर को बता रहे हैं ता कुछ 7 सितंबर को। जानें, जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी और इसका शुभ मुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक है।
09:33 AM Sep 06, 2023 IST | BHUP SINGH

Janmashtami 2023 Kab Hai: कृष्ण जन्माष्ट्रमी का पर्व श्री कृष्ण के अवतरण दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लड्‌डू गोपाल की मूर्ति की पूजा की जाती है। वैसे तो लड्‌डू गोपाल की सोने, चांदी, पीतल आदि की मूर्ति होती है। किंतु अष्टधातु की मूर्ति का पूजन करना लाभप्रद होता है। कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर लोग कंफ्यूज हैं और कुछ का कहना कि 6 सितंबर को है तो कुछ 7 सितंबर को जन्माष्ट्रमी का त्योहार बता रहे हैं। अगर आप कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर कंफ्यूज हैं तो सही तिथि और समय जानें। हर साल कृष्ण जन्माष्टमी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। अर्धरात्रि में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में कृष्ण जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है।

कब है जन्माष्टमी 6 को या 7 सितंबर को? (Janmashtami 2023)

मंदाकिनी तट के महंत अश्वनी पांडे के मुताबिक, 6 सितंबर को बुधवार को 3 बजकर 39 मिनट पर अष्टमी तिथि लग जाएगी, जो 7 सितंबर को 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। यानी 6 सितंबर की रात को अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बनेगा। इसलिए शैव परंपरा के लोग, 6 सितंबर को कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। चूंकि वैष्णव संप्रदाय में उदिया तिथि का अधिक महत्व होता है, इसलिए ये लोग 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे।

यह खबर भी पढ़ें:-Krishna Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा शामिल करें ये 11 चीजें, तुरंत प्रसन्न होंगे कान्हा, पूरी

शुभ मुहूर्त (Janmashtami 2023 Shubh muhurt)

ज्योतिषविदों का कहना है कि इस साल गृहस्थ जीवन के लोग 6 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार मनाएंगे। जन्माष्टमी की पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त भी 6 सितंबर को रात 11 बजकर 56 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। यानी शुभ मुहूर्त में पूजा करने के लिए आपको 46 मिनट का समय मिलेगा।

जन्माष्टमी की पूजन विधि (Janmashtami 2023 Puja Vidhi)

महंत अश्वनी पांडे का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजन विधि में सुबह उठते ही ओम नमो भगवते वासुदेवाय के मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके बाद लड्‌डू गोपाल की मूर्ति की जगह गंगाजल डालकर साफ-सफाई करें। इस जगह पर अशोक की पत्ती, फूल, माला और सुगंध इत्यादि से खूब सजाना चाहिए। इस स्थान पर बच्चों के छोटे-मोटे खिलौने लगाएं। पालना भी लगाएं। प्रसन्न मन के साथ ही श्री हरि का कीर्तन करें औ व्रत रखें।

संभव हो सके तो निराहार अथवा फलाहार ही व्रत रखें। शाम के समय भजन संध्या पूजन करें और रात्रि में श्री कृष्ण का पंचामृत से स्नान करें। उन्हें मीठे पकवान, माखन इत्यादि का भोग लगाएं। तुलसी दल अर्पित करें। फल-फूल और मेवा अर्पित करें। केसर चंदन तिलक करें और रातभर ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। इससे आपके सभी कृष्टों का नाश होगा और उसे सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होगी।

यह खबर भी पढ़ें:-Janmashtami 2023 : कृष्ण जन्माष्टमी पर पहली बार बन रहा हैं 6 तत्वों का शुभ संयोग, व्रत करने से पूरी होगी

30 साल बाद बना अद्भुत संयोग (Janmashtami 2023 Sanyog)

ज्योतिषविद का कहना है कि इस साल कृष्ण जन्माष्टमी पर 30 साल बाद अद्भुत संयोग बन रहा है। जन्माष्टमी पर 30 साल बाद शनि ग्रह स्वराशि कुंभ में रहेंगे। साथ ही जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, वृषभ राशि में चंद्रमा और रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है।

Next Article