मेजर, कर्नल और DSP सभी का 7 दिन में बदला पूरा, कोकरनाग की गुफाओं में आतंकी उजैर का काम तमाम
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ करीब 7 दिन से चल रही सेना की मुठभेड़ खत्म हो गई है। सेना के जवानों ने तीन अधिकारियों की शहादत का बदला ले लिया है। सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उजैर खान को ढेर कर दिया है। सुरक्षाबलों ने कोकरनाग के पीर पंजाल की पहाड़ियों पर छिपे आतंकी उजैर खान के साथ एक आतंकी का शव बरामद किया है।
जम्मू-कश्मीर के एडीजीपी पुलिस विजय कुमार बयान जारी करते हुए कहा- अनंतनाग के कोकरनाग में आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड़ खत्म हो गई है। सुरक्षाबलों ने 'लश्कर कमांडर उजैर खान को मार गिराया है। सेना के जवानों ने उसके हथियार भी बरामद कर लिए गए हैं। उजैर के साथ एक और आतंकवादी का शव भी बरामद हुआ है। फिलहाल, सेना का तलाशी अभियान जारी है।'
12 सितंबर को शुरू किया था सर्च ऑपरेशन…
सुरक्षाबलों ने कोकरनाग में आतंकियों के खिलाफ ये ऑपरेशन 12 सितंबर को शुरू किया था। इसके अगले ही दिन आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए थे। इसके बाद आतंकी वहां से भाग गए थे। इन्हीं आतंकियों की तलाश के लिए यह ऑपरेशन चलाया गया था। इन आतंकियों में लश्कर-ए-तैय्यबा का कमांडर उजैर खान भी शामिल था। इस मुठभेड़ में उजैर का शव भी बरामद कर लिया गया है। जिस इलाके में छिपे हुए थे, वह कोकरनाग का गैरोल गांव है। इसी वजह से सेना ने इसका नाम 'ऑपरेशन गैरोल' दिया था।
आतंकियों पर किया था ड्रोन से अटैक…
सुरक्षाबलों की ओर से पीर पंजाल की पहाड़ियों में छिपे हुए आतंकियों पर ड्रोन और रॉकेट लॉन्चर से बम अटैक किया था, जिसके बाद आतंकियों की ओर से फायरिंग बंद कर दी गई थी और उसके अगले दिन एक आतंकी का जला हुआ शव बरामद किया गया था। हालांकि कुछ ही घंटों बाद फायरिंग फिर शुरू हो गई और फिर पहाड़ियों और गुफाओं में छिपे हुए तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया है।
बारामूला में तीन, राजौरी में एक आतंकी ढेर…
इसके अलावा सुरक्षाबलों ने बारामूला में हुए एनकाउंटर में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया था। ये आतंकी उरी सेक्टर में एलओसी के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, जिसे नाकाम कर दिया गया था। इसके अलावा राजौरी में बीते मंगलवार को सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया था। इसमें सेना का एक जवान और फीमेल लेब्रोडोर डॉग केंट की मौत भी हो गई है।
सेना का पीर पंजाल की पहाड़ियों पर चला ऑपरेशन…
रक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि अनंतनाग के कोकरनाग इलाके में मुठभेड़ वाली जगह पीर पंजाल की पहाड़ियों में आती है। ये आतंकियों के लिए बहुत ही सुरक्षित जगह है। ये पहाड़ी 75-80 डिग्री ऊंचाई पर है। ये मुजफ्फराबाद से किश्तवाड़ तक फैला हुआ करीब 170 किलोमीटर का इलाका है। यहां कई गुफाएं भी हैं, जिनमें आतंकियों ने अपना अड्डा बनाया हुआ है। इतने बड़े इलाके में 2-3 आतंकियों को ढूंढ़ना बहुत मुश्किल है। ऐसे हालात में वे सुरक्षाबलों पर घात लगाकर हमला कर सकते हैं। यही वजह है कि सुरक्षाबलों को इतनी परेशानी हो रही है। जब आतंकी पहाड़ों की ऊंचाई पर रहते हैं तो उन्हें भारतीय सेना की एक्टिविटी आसानी से दिखाई देती है। इसलिए उनके लिए यह लड़ाई आसान हो जाती है।