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हनुमानजी के इस मंदिर में है दलित पुजारी, मंदिर पर नहीं है छत फिर भी पूरी होती हैं सारी मनोकामनाएं

Kaniwada Hanuman Mandir Jalore: जालोर में स्थित कानीवाड़ा हनुमान मंदिर में दर्शन से श्रद्धालुओं की होती हैं हर मनोकामनाएं पूर्ण। इस मंदिर में कोई छत भी नहीं है।
03:12 PM Nov 20, 2023 IST | BHUP SINGH
हनुमानजी के इस मंदिर में है दलित पुजारी  मंदिर पर नहीं है छत फिर भी पूरी होती हैं सारी मनोकामनाएं

Kaniwada Hanuman Mandir Jalore: राजस्थान के जोधपुर संभाग के जालोर जिले में स्थित कानीवाड़ा हनुमान मंदिर एक ऐसा मंदिर जहां सालों से दलित पुजारी पूजा करते हैं। इसका जिक्र राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया था। उन्होंने कहा था कि एक तरफ कांग्रेस सरकार दलितों पर अत्याचार कर रही है, वहीं कानीवाड़ा हनुमान मंदिर में सालों से दलित पुजारी पूजा कर रहा है। हनुमान जी यह भव्य प्राचीन मंदिर है जिस पर छत नहीं है। मान्यता है कि इस मंदिर में मूर्ति की स्थापना नहीं की गई बल्कि प्रकट हुई है।

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निसंतान को होती है संतान प्राप्ति

जालोर स्थित कानीवाड़ा हनुमान मंदिर में भक्त सैंकड़ों किलोमीटर से दर्शन करने आते हैं। मान्यता है इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। मंदिर के गर्भगृह में हनुमानजी की प्रतिमा है। उस पर श्रद्धालु सिंदूर, तेल और पन्नी चढ़ाते हैं। मंदिर की सेवा चार पुजारी परिवारों के हाथों में है। वे श्रद्धालुओं को हनुमानजी की गदा की प्रतिकृति से आशीर्वाद देते हैं।

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कानीवाड़ा हनुमान मंदिर में पूजा कर रहे पुजारी खुद को गर्गाचार्य की संतान बताते हैं। करीब 10 पीढ़ियों से इन्हीं चार परिवारों के वशंज ही इस मंदिर मतें पूजा कर रहे हैं। यह मंदिर इस इलाके की सामाजिक समरतसा को प्रदर्शित करता है। यहां बालाजी के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। दलित पुजारी उन्हें पूजा करवाते हैं और आशीर्वाद भी देते हैं।

मंदिर पर नहीं कोई छत

कानीवाड़ा मंदिर संगमरमर के पत्थर से बना है। कहा जाता है इस मंदिर को हनुमानजी की प्रतिमा के प्रकट होने के बाद बनाया गया था। पुराने लोगों का कहना है कि कई बार इस मंदिर में छत डालने की कोशिश की गई थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई। कई बार छत गिर गई तो कई बार आंधियों में उड़ गई। इसलिए जब यह मंदिर बनाया गया तो इस पर छत रखी ही नहीं गई। किंवदंती तो यह भी कि यहां पहले जंगल था। उस जंगल में जब चोर आते थे तो वे अंधे हो जाते थे।

कानीवाड़ा की खासियत

कानीवाड़ा मंदिर की एक और खासियत है यह है कि यहां एक 13 अखंड ज्योत जलती हैं। यहां दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती हैं। एक और खास बात यह है कि यहां के आसपास के गांवों में लड़कों के नाम भगवान हनुमानजी के नाम पर रखे जाते हैं।

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