Jal Jeevan Mission Scam : अफसरों ने बिचौलिए के जरिए कमाया पैसा…ED रेड में 11 करोड़ कैश जब्त
Jal Jeevan Mission Scam : जयपुर। जल जीवन मिशन में कथित घोटाले की जांच में अब पीएचईडी के शीर्ष अधिकारी भी लपेटे में आ रहे हैं। शुक्रवार को ईडी की टीम ने इस मामले में आईएएस अधिकारी एसीएस पीएचईडी सुबोध अग्रवाल समेत वरिष्ठ पीएचईडी अधिकारियों के ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया। अभियान में 48 लाख नकदी बरामद और 1.73 करोड़ रुपए बैंक बैलेंस फ्रिज करवाए गए हैं।
बता दें कि शुक्रवार को ईडी की टीम ने प्रदेश में 26 जगह छापेमारी करते हुए कुल 11.03 करोड़ कैश और अन्य सामान जब्त किया है। इसमें 6.50 करोड़ का सोना भी शामिल है। वहीं सर्च अिभयान के बाद ईडी कुछ गैजेट्स और डायरी दिल्ली ले गई हैं।
एसीएस सुबोध अग्रवाल व मंत्रालय के ओएसडी संजय अग्रवाल को पूछताछ के लिए 16 नवंबर से पहले दिल्ली पहुंचने के लिए कहा है। मामले में यह भी सामने आया कि ईडी की ओर से महेश नगर इलाके में एसीएस सुबोध अग्रवाल के एक पीए से की गई पूछताछ के बाद कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं।
करीबियों पर शिकंजा
ईडी की टीम ने एसीएस सुबोध अग्रवाल के करीबी बताए जा रहे प्रॉपर्टी डीलर आलोक खंडेलवाल के प्रॉपर्टी में किए गए निवेश के दस्तावेज जब्त किए हैं। इनसे जगतपुरा में जमीनों पर हुए इन्वेस्टमेंट के दस्तावेज बरामद किए हैं। इसके अलावा जोधपुर में एक प्रॉपर्टी कारोबारी के घर से भी ईडी ने दस्तावेज जुटाए हैं।
आधी रात तक चली कार्रवाई
ईडी की टीम ने शुक्रवार अलसुबह 6 बजे ही जल जीवन मिशन मामले में संदिग्धों पर छापेमारी मारनी शुरू कर दी है। यह कार्रवाई आधी रात तक जारी रही। करीब 18 घंटों तक चली कार्रवाई में टीम को तीन डायरी, एक पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क मिले। प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया के नजदीकी प्रॉपर्टी डीलर रामवतार शर्मा के आवास से 45 लाख रुपए की नकदी मिली है।
बिचौलिए के जरिए ली राशि
ईडी की जांच में सामने आया है कि ठेकेदार ने इरकॉन द्वारा जारी कथित फर्जी कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल की। ईडी ने कहा, कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलर ने जल जीवन मिशन घोटाले से अवैध रूप से अर्जित धन की हेराफे री में पीएचईडी अधिकारियों की सहायता की।
दो महीने पहले मिली थी सोने की ईंट
ईडी ने दो महीने पहले भी जयपुर में अलग-अलग जगह छपेमार कारर्वाई की थी। इसमें ढाई करोड़ रुपए कै श और सोने की ईंट मिली थी। ईडी टीम को संजय बड़ाया और कल्याण सिंह कव्या के घर से कई दस्तावेज भी मिले थे। इसी कार्रवाई में सीनियर आईएएस व जलदाय विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल का नाम सामने आया था।
यह है मामला
बता दें कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में हर घर तक नल पहुंचाने के मकसद से जल जीवन मिशन याेजना के तहत डीआई डक्टर आयरन पाइपलाइन डाली जानी थी। इसमें राज्य और के न्द्र सरकार को अपना-अपना 50-50 प्रतिशत हिस्सा शामिल करना था। आरोप है कि अधिकारियों ने उक्त पाइप की जगह एचडीपीई की पाइपलाइन डलवा दी। वहीं पुरानी पाइप लाइन को ही नई लाईन की जगह बिछाया बताते हुए ठेकेदार को सरकारी खजाने से पैसा दिलाया गया।
इसमें यह भी सामने आया कि ठेकेदार पदमचंद जैन ने हरियाणा से चोरी किए पाइप बिछाकर सरकार से करोड़ों रुपए ले लिए। जैन ने फर्जी कंपनी के सर्टिफिकेट लगाकर टेंडर लेते हुए भ्रष्टाचार किया। जबकि इसके बारे में पीएचईडी के अधिकारियों को जानकारी थी।