जयपुर को गहलोत की 2 बड़ी सौगात, गोविंद देव जी मंदिर के लिए 20 करोड़, रामगंज में CHC का बनेगा नया भवन
जयपुर: राजस्थान सरकार जनता को राहत देने वाली योजनाओं को लगातार लाभ मिल रहा है जहां सरकार हर वर्ग के लिए योजनाओं का ऐलान कर रही है. इसी कड़ी में सीएम गहलोत ने शनिवार को राजधानी जयपुर को एक साथ दो सौगात दी है जहां जयपुर के श्री गोविंद देव जी मंदिर के लिए 20 करोड़ तो रामगंज में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण के लिए 5 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति दी है. मालूम हो कि प्रदेश सरकार धार्मिक स्थलों की कायापलट को लेकर लगातार गंभीर है.
वहीं अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के श्री गोविन्द देव जी मंदिर के लिए एक बड़ा ऐलान करते हुए विभिन्न विकास कामों के लिए 20.30 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है. सरकार की ओर से बताया गया है कि यह राशि पर्यटन विकास कोष से खर्च की जाएगी. इसके अलावा सरकार ने बीकानेर के श्री राजरतन बिहारी मंदिर में भी जीर्णोद्धार एवं सुविधाओं के लिए वित्तीय स्वीकृति दी है जहां 3.62 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.
बता दें कि गहलोत सरकार के इन निर्णयों से इन मंदिरों का सौन्दर्यीकरण, मंदिर मार्गां एवं जन सुविधाओं का विकास होगा और श्रद्धालुओं को भी दर्शन करने में आसानी होगी. दरअसल गहलोत ने बजट में 100 करोड़ रुपए की लागत से श्री गोविंद देव जी मंदिर परिसर में भव्य कॉरिडोर व अन्य विकास कार्य कराए जाने की घोषणा की थी.
रामगंज CHC का बनेगा नया भवन
वहीं राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार एवं आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में जयपुर के रामगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण के लिए 5.25 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है जिससे केंद्र में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ेगी और आसपास के मरीजों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उप स्वास्थ्य केन्द्र सुरायता-सोजत को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है. इसके साथ ही संचालन के लिए 9 नए पदों की भी स्वीकृति दी है जिनमें चिकित्साधिकारी, महिला स्वास्थ्य दर्शिका, फार्मासिस्ट, लैब टैक्नीशियन, सफाई कर्मचारी के 1-1 पद तथा नर्स श्रेणी द्वितीय व वार्ड ब्यॉय के 2-2 पद शामिल हैं.
हाईटेक तरीके से होगी वन्यजीवों की निगरानी
इसके अलावा एक अन्य फैसले में सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में अब वन्यजीवों की निगरानी आधुनिक तकनीक युक्त उपकरणों से की जाएगी और वन क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए वायरलेस सिस्टम में भी सुधार किया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने और उपकरणों की खरीद के लिए 15 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है. इस निर्णय से ड्रोन के माध्यम से सीडिंग के साथ वायरलेस सिस्टम को मजबूत बनाया जाएगा और ट्रैप कैमरों से वन्यजीवों की निगरानी की जा सकेगी.