3 लेपर्ड सफारी वाला देश का पहला शहर होगा जयपुर, नाहरगढ़ में टूरिस्ट पास से कर सकेंगे लेपर्ड का दीदार
leopard safari in Nahargarh : जयपुर। राजधानी जयपुर में झालाना और आमागढ़ के बाद नाहरगढ़ अभ्यारण में लेपर्ड सफारी शुरू होगी। इसी शुरुआत के साथ ही जयपुर थ्री लेपर्ड सफारी वाला देश का पहला शहर बन जाएगा। अभी जयपुर 2 लेपर्ड सफारी वाला देश का पहला शहर है। नारगढ़ अभ्यारण के मायला बाग (बीड पापड़) क्षेत्र में लेपर्ड सफारी शुरू होगी। इसके लिए वन विभाग द्वारा ट्रैक तैयार किया जा रहा है।
वन विभाग के एसीएस शिखर अग्रवाल ने भी हाल ही में ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी झालाना और आमागढ़ के बाद नाहरगढ़ अभ्यारण में भी जल्द ही लेपर्ड सफारी शुरू होगी। उन्होंने दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि नाहरगढ़ में लेपर्ड सफारी के लिए अलग-अलग ट्रैक तैयार किया जा रहे हैं। इसके अलावा हिरण प्रजाति के वन्यजीवों के लिए ग्रास लैंड भी विकसित किया जा रहा है।
16 किलोमीटर एरिया में बनेगा ट्रैक
जानकारी के मुताबिक नाहरगढ़ अभ्यारण में करीब 20 लेपर्ड की चहल-कदमी है। ऐसे में यहां पर वन विभाग की ओर से लेपर्ड सफारी की तैयारी शुरू की जा रही है। पर्यटक करीब 16 किलोमीटर के एरिया में लेपर्ड सफारी का लुफ्त ले सकेंगे। की होगी। इसमें लेपर्ड के लिए वाटर पॉइंट के साथ ही पर्यटकों के लिए दो सफारी ट्रैक तैयार करवाए जाएंगे, जहां टूरिस्ट नजदीक से लेपर्ड का दीदार कर सकेंगे। मायला बाग से किशन बाग और एनबीपी से आंधी रामसागर तक 2 रूट पर सफारी शुरू होगी।
2 सफारी ट्रैक के साथ बनेगा वाटर पॉइंट
पिछले दिनों नाहरगढ़ लेपर्ड सफारी के लिए वन विभाग ने 2 करोड़ रुपए जारी किए थे। यहां मायला बाग व बीड पापड़ वन क्षेत्र में सफारी ट्रैक बनाने का काम चल रहा है और लेपर्ड के लिए वाटर पॉइंट भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा मायला बाग और बीड पापड़ वन क्षेत्र में ग्रास लैंड के साथ ही अन्य सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। विद्याधर नगर की ओर से लेपर्ड सफारी में प्रवेश किया जा सकेगा। वन विभाग की सितंबर तक लेपर्ड सफारी शुरू करने की योजना है।
नाहरगढ़ में करीब 20 लेपर्ड
720 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले नाहरगढ़ जैविक उद्यान को सरकार ने साल 1980 में नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर दिया था। अभी यहां पर करीब 20 लेपर्ड मौजूद है। जबकी झालाना में 40 से ज्यादा लेपर्ड हैं और आमागढ़ में करीब 17 लेपर्ड है। नाहरगढ़ के 26 हेक्टेयर क्षेत्र में पशु-पक्षी पिंजरे में कैद है और बाकी 694 हेक्टेयर क्षेत्र खाली है, जिसमें कुछ जानवर और बहुत सारी अलग-अलग प्रजाति के पक्षी मौजूद हैं।
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