राजस्थान में गोविंद सिंह डोटासरा की कुर्सी बदलने की सुगबुगाहट! दलित चेहरे पर दांव खेल सकती है कांग्रेस
Rajasthan Congress Leader Of Opposition: राजस्थान में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब भजनलाल सरकार पूरे खाके के साथ जमीन पर उतर गई है जहां भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का पूरा ढांचा तैयार हो गया है. वहीं विधानसभा में स्पीकर और मुख्य सचेतक के नाम भी फाइनल हो गए. इधर 19 जनवरी से विधानसभा का सत्र भी शुरू होने वाला है लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष को लेकर अभी भी तस्वीर धुंधली है. हालांकि पिछले 2 दिन से राजस्थान में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बदलने की सुगबुगाहट तेज हो गई है.
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस दलित कार्ड खेलना चाहती है. वहीं वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा को नेता प्रतिपक्ष बनाने की चर्चा है. हालांकि हरीश चौधरी और मुरारी लाल मीणा का नाम भी नेता प्रतिपक्ष की रेस में चल रहा है.
डोटासरा की बदलेगी कुर्सी!
मालूम हो कि कांग्रेस मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर घोषणा कर चुकी है जिसके बाद अब राजस्थान का ही फैसला लंबित चल रहा है. सूत्रों का कहना है कि कुछ दिनों में राजस्थान को लेकर पार्टी फैसला कर सकती है. वहीं बीते दिनों दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के साथ कई अन्य प्रदेश के नेता मौजूद रहे थे.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इसका प्रस्ताव कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पास पहुंच गया है. बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर टीकाराम जूली या अन्य किसी दलित नेता को नियुक्ति मिल सकती है. वहीं नेता प्रतिपक्ष का पद डोटासरा को दिया जा सकता है. दरअसल डोटासरा के गृह क्षेत्र शेखावटी में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा और डोटासरा सूबे में अग्रेसिव नेता माने जाते हैं.
रेस में चौधरी औऱ मालवीय भी!
हालांकि पार्टी के गलियारों में हरीश चौधरी का नाम भी नेता प्रतिपक्ष के लिए आगे चल रहा है लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान चौधरी को लोकसभा चुनावों के लिए केंद्र की राजनीति में इस्तेमाल करना चाहता है.हाल में बनाई गई लोकसभा के एक क्लस्टर की स्क्रीनिंग कमेटी का चौधरी को अध्यक्ष भी बनाया गया था.
वहीं अगर डोटासरा को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है तो हाईकमान प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर एक ऐसा चेहरा भी ला सकती है जिस पर गहलोत और पायलट गुट की दोनों ही सहमति बन सके. इसके अलावा बताया जा रहा है कि पीसीसी चीफ के साथ दो कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए जा सकते हैं जिसमें मुरारी लाल मीणा और महेंद्रजीत सिंह मालवीय का नाम भी चल रहा है.