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'बजरी माफिया को लाभ पहुंचाना है हनुमान बेनीवाल का मकसद' हरीश चौधरी का नागौर सांसद पर सीधा हमला

हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान सरकार को बजरी को लेकर नई पॉलिसी लेकर आनी चाहिए.
06:03 PM Jul 26, 2023 IST | Avdhesh
 बजरी माफिया को लाभ पहुंचाना है हनुमान बेनीवाल का मकसद  हरीश चौधरी का नागौर सांसद पर सीधा हमला

जयपुर: राजस्थान में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और बायतू विधायक हरीश चौधरी ने बजरी माफिया को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर बजरी माफिया के साथ मिलीभगत होते हुए उन्हें फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है. चौधरी ने जयपुर में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार नई पॉलिसी लेकर आनी चाहिए जिससे बजरी को लेकर आम उपभोक्ता को राहत मिल सके.

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उन्होंने मांग कर कहा कि बजरी के छोटे लीज धारकों को कानूनी संरक्षण देने के साथ ही ट्रैक्टर को लेकर भी नियमों में बदलाव किया जाना चाहिए. चौधरी ने कहा कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक राजस्थान सरकार ने प्रदेश में बजरी खनन के आदेश दे रखे हैं लेकिन राज्य सरकार की पॉलिसी के अनुसार बजरी खनन नहीं हो रहा ऐसे में लीज की जगह वापस रॉयल्टी की व्यवस्था की जानी चाहिए.

बजरी खनन को लेकर चौधरी की दो टूक!

चौधरी ने कहा कि राजस्थान सरकार को रॉयल्टी देने की व्यवस्था थी लेकिन 2013 के अंदर फैसला किया गया था कि बजरी का खनन फ्री नहीं होगा, ये फैसला कोर्ट ने किया, सर्वाधिक बोलीदाता को लीज का मिलेगा अधिकार. उन्होंने बताया कि इसके बाद हर जिले में लीज के ऑक्शन हुए जहां बाड़मेर में 58 करोड़ 52 लाख सर्वाधिक बोली लगाने के पक्ष में लीज का अधिकार मिला और उन लीज धारक को 50 प्रतिशत पैसा उस समय जमा कराने का प्रावधान किया गया.

उन्होंने कहा कि कोई भी राजस्थान से सीधा खनन नहीं कर सकता है, कोई भी व्यक्ति 1200 क्यूबिक फीट से अधिक भंडारण नहीं कर सकता, विजिलेंस को उसे रोकने का अधिकार है जहां 2411 FIR अवैध बजरी खनन को लेकर दर्ज हुई है. वहीं चौधरी ने आगे कहा कि ट्रैक्टर को लेकर भी नियमों में बदलाव होना जरूरी है

लाल डायरी पर भी बोले चौधरी

वहीं चौधरी ने राजेंद्र गुढ़ा के लाल डायरी प्रकरण पर कहा कि ये मुद्दों से भटकाने की है राजनीति और इसका मकसद है मूल मुद्दों से भटकाना. उन्होंने कहा कि जो लोग आरोप लगा रहे हैं उनको एजेंसियों के पास जाकर शिकायत करनी चाहिए, सदन में संकल्पों पर वो चर्चा नहीं करना चाहते थे. हरीश ने कहा कि मैंने लाल डायरी नहीं देखी और अगर राजेंद्र गुढ़ा सदन में लाल डायरी को टेबल करना चाहते थे तो उन्हें टेबल करने के प्रावधान पता है, उसके अनुरूप उन्हें रखनी चाहिए थी.

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