'ये घबराए हुए हैं..इनकी हालत खराब है' शेखावत के Gehlot-pay वाले तंज पर CM का पलटवार
जयपुर: राजस्थान में चुनावों से पहले सीएम अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच वार पलटवार का दौर लगातार चल रहा है. बीते दिनों ईआरसीपी को लेकर एक दूसरे पर बयानबाजी करने वाले दोनों नेता अब भ्रष्टाचार को लेकर आमने-सामने हैं. हाल में शेखावत ने जयपुर के योजना भवन के DOIT विभाग में मिली करोड़ों की नकदी और सोना मिलने वाले के मामले पर गहलोत पर हमला बोलते हुए Gehlot Pay के नाम से ट्वीट किया था. मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ना कैश पे, ना चेक पे, राजस्थान में सिर्फ़ Gehlot Pay!
हालांकि शेखावत के इस हमले के बाद सचिवालय कर्मचारियों की नाराजगी भी देखी गई थी. शेखावत के इस तंज पर अब गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा है कि ये लोग बहुत घबराए हुए हैं और अब इनकी हालत खराब हो गई है.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री का बुधवार को ट्वीट आने के बाद से सचिवालय कर्मचारी लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. ट्वीट में भ्रष्ट शासन सचिवालय लिखने के बाद सचिवालय कर्मचारियों का कहना है कि मंत्री ने उनका अपमान किया है और सचिवालय अधिकारी संघ, सचिवालय कर्मचारी संघ ने शेखावत से माफी मांगने और ट्वीट को डिलीट करने की मांग रखी है.
भ्रष्टाचार को लेकर हम गंभीर : गहलोत
गहलोत ने आगे कहा कि कर्नाटक चुनावों में वहां के सीएम के बारे में 40 प्रतिशत कमीशन के आरोप लगे थे जिसके बाद जनता ने फैसला सुना दिया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में राजस्थान ने जो एक्शन लिया वैसा किसी भी प्रदेश में नहीं हुआ है और राजस्थान में एसीबी के सबसे ज्यादा छापे पड़े हैं जहां 1750 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
गहलोत ने बताया कि राजस्थान में IAS से लेकर IPS तक गिरफ्तार हुए हैं और अब सिर्फ DOIT वाले मामले को मुद्दा बना रहे हैं. सीएम ने पूछा कि बीजेपी के नेताओं ने साढे चार साल तक क्या किया? हम तो सिर्फ विकास के मुद्दों पर चुनाव में जाएंगे और हम विधानसभा चुनाव को हमारे काम तक सीमित रखेंगे.
राजस्थान में चरम पर भ्रष्टाचार : शेखावत
गौरतलब हो कि इससे पहले शेखावत ने करप्शन पर हमला बोलते हुए कहा था कि कांग्रेस सरकार में उनके पूर्व डिप्टी सीएम से लेकर मंत्री तक सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं और सरकार में इतना भ्रष्टाचार हो रखा है कि ये लोग अपना ही पैसा कहीं रखकर भूल जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा था कि करप्शन को लेकर डिजिटल जमाने में जिस तरह से गूगल-पे को जी-पे के नाम से पुकारा जाता है उसी तरह से आज राजस्थान में जी-पे का पूरा नाम गहलोत-पे है.