जयपुर नगर निगम : हड़ताल पर बैठे सफाईकर्मियों से आज दूसरे दौर की वार्ता, लिखित में समझौता चाहते हैं कर्मी
जयपुर नगर निगम के 8 हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी पिछले दिन से से धरने पर बैठे हैं। कल उनकी सरकार से पहले दौर की बातचीत हुई थी। जिसके सकारात्मक परिणाम निकले थे। कर्मियों की कई मांगों पर सहमति बनी थी। लेकिन सफाकर्मियों ने फिर भी हड़ताल खत्म नहीं की। क्योंकि वे सभी मांगों पर सहमति लिखित में चाहते हैं। इसलिए अब कर्मचारियों के साथ सरकार की दूसरे दौर की बातचीत होगी। इस दूसरे दौर की बातचीत का समय बीते बुधवार को शाम 6 बजे था, फिर 1 घंटे आगे बढ़कर 7 बजे का हो गया। फिर भी यह बातचीत नहीं हो सकी। अब आज यह वार्ता होगी। इसका समय सुबह 11 बजे का दिया गया है।
लिखित में समझौेते की मांग कर रहे हैं कर्मचारी
बता दें कि पहले दौर की वार्ता में DLB डायरेक्टर हृदेश कुमार शर्मा मौजूद रहे। वहीं अब होने वाली बातचीत में हृदेश कुमार शर्मा के साथ ग्रेटर निगम कमिश्नर महेंद्र सोनी, हैरिटेज कमिश्नर विश्राम मीणा भी मौजूद रहेंगे। पहले दौर में सरकार के साथ बातचीत के बाद सफाई कर्मचारी अध्यक्ष नंदकिशोर डिंडोरीया ने कहा था कि सरकार हमारी मांगों पर लिखित में समझौता करे तब ही वे इस कार्य बहिष्कार को समाप्त करेंगे। अन्यथा यह हड़ताल जारी रहेगी।
सफाई कर्मचारियों की ये हैं मांगे
1- सफाई कर्मचारियों के 4500 रिक्त पदों पर भर्ती
2- इस भर्ती में 2018 से पहले मस्टर रोल पर लगे कर्मचारियों को मिले प्राथमिकता
3- 1995 से पहले कोई कर्मचारी 45 वर्ष की आयु के बाद गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाता था, तो उसके परिवार के किसी भी आश्रित मिले नौकरी। दूसरे राज्यों में यह व्यवस्था लागू है।
4- सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को शत प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
5- सफाई कर्मचारियों की भर्ती नियमों में संशोधन किया जाए।
6- नगरीय निकायों के कर्मचारियों का वेतन राज्य निधि कोष से दिया जाए।
7- रिटायर्ड सफाई कर्मचारियों और मृतक कर्मचारियों के परिजनों को ग्रेच्युएटी, पीएल या पीएफ का भुगतान हो।
8- सफाई कर्मचारियों के RGHS कार्ड बनवाए जाएं।
सहमति नहीं बनी को शहर की बिगड़ सकती है सूरत
सफाई कर्मचारियों की इस हड़ताल का असर पिंकसिटी की साफ-सफाई पर पड़ रहा है। कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। न ही कल से शहर में झाड़ू लगा है न ही डोर-टू-डोर कचरा इकट्ठा करने वाले हूपर्स की आवाज कल से सुनाई दी। अगर कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी गईं तो हड़ताल और आगे बढ़ सकती है। तो फिर शहर में कचरे का अंबार लगते ज्यादा दिन नहीं लगेंगे।