ट्रेन में नरसंहार! RPF जवान ने उजाड़े कई घर, ASI का होने वाला था रिटायरमेंट, असगर तलाशने गया था काम
जयपुर। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल चेतन सिंह ने सोमवार को जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन में महाराष्ट्र के पालघर स्टेशन के पास एक चलती ट्रेन में अपने स्वचालित हथियार से फायरिंग कर एक एएसआई समेत चार लोगों की हत्या कर दी। प्रारंभिक पड़ताल में सियासी बहस को हत्या की वजह बताया जा रहा है। घटना जयपुर से मुंबई जा रही 12956 सेंट्रल सुपर फास्ट एक्सप्रेस में सोमवार सुबह 5 बजे के बाद मुंबई से करीब 100 किमी पहले पालघर स्टेशन के पास की है।
वारदात के बाद सुबह करीब 6 बजे यात्रियों द्वारा जंजीर खींचने पर ट्रेन मुंबई के मीरा रोड और दहिसर स्टेशनों के बीच रुकी, तो वह उतर कर भागने लगा। तभी जीआरपी के जवानों ने उसे दबोच हथियार कब्जे में लिया। हादसे में मरने वाले एएसआई की पहचान टीकाराम मीणा के रूप में हुई है जो राजस्थान के सवाई माधोपुर में श्यामपुरा के रहने वाले थे। एएसआई टीकाराम मीणा के अलावा तीन मृतक यात्रियों की पहचान अब्दुल कादिरभाई भानपुरवाला (48), अख्तर अब्बास अली (48) और सदर मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई।
साथियों को बताई थी रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग…
एएसआई टीकाराम मीणा की मौत से पूरा गांव इस हादसे से हैरान है। ग्रामीणों से पता चला कि एक महीने पहले टीकाराम अपने आए थे। एएसआई टीकाराम मीणा साल 2025 में रिटायर होने वाले थे। एक महीने पहले जब वह गांव गए थे तब उन्होंने अपने साथियों से रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग बताई थी। एएसआई टीकाराम मीणा का उनका एक ही सपना था कि रिटायरमेंट के बाद वे अपने परिवार के साथ मिलकर खेती करे और खुशी से रहे। क्योंकि मां और पत्नी दोनों की तबीयत खराब रहती है।
टीकाराम के दोनों बच्चों की हो चुकी है शादी…
वहीं टीकाराम के एक बेटी पूजा और एक बेटा राजेंद्र उर्फ दिलखुश मीणा है। ASI टीकाराम मीणा के बेटे राजेंद्र और बेटी पूजा की शादी हो चुकी है। पूजा की शादी 27 जून 2021 को हुई थी। वहीं राजेंद्र की शादी करीब 12-13 साल पहले हुई थी। राजेंद्र का बड़ा बेटा 10 साल और 7 साल का है। राजेंद्र रणथम्भौर में ही जिप्सी चलाने का काम करता है।
काम के सिलसिले में जयपुर से मुंबई गया था असगर…
ट्रेन में हुई फायरिंग में जयपुर के भट्टा बस्ती में रहने वाले असगर अली (48) की मौत हो गई। जो मूलत बिहार मधुबनी का रहने वाले हैं। मृतक के भाई अश्फाक ने बताया कि वह करीब 6 साल पहले मुंबई की मस्जिद में साफ-सफाई करते थे। कोरोना में काम-काज छोड़कर वह अपने गांव चले गए। काम की तलाश में मई-2022 में जयपुर आ गए। मदीना होटल भट्टाबस्ती के पास रहने वाले रिश्तेदार के पड़ोस में किराए से रहने लगे। यहां पत्नी उमैसा खातून (36), बेटी आमना (16), अमीना (14), साबरा खातून (12) व सोफिया प्रवीण (3) और 5 साल के बेटे अब्दूल रहमान के साथ रहते थे।
जयपुर में काम-काज नहीं मिलने के कारण मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। रोजगार को लेकर उन्होंने पहले काम करने वाली मुंबई स्थित मस्जिद में कॉल किया था। जगह खाली होने के चलते काम मिलने पर मुंबई जाने तय किया।
असगर घूमते-घूमते बी-5 में गया और मार दी गोली…
29 जुलाई को मुंबई जाने के लिए ट्रेन की ऑनलाइन टिकट करवाई थी। 30 जुलाई की रात को S-6 कोच में असगर अली की 34 नंबर की सीट थी। वह सुबह घूमते हुए ट्रेन के B-5 कोच में चला गया। इसी दौरान फायरिंग हुई और इस गोलाबारी में उनकी भी मौत हो गई। घटना के बाद सोमवार सुबह रेलवे के अधिकारियों ने कॉल कर असगर अली के मौत की सूचना दी।
कादिरभाई भानपुरवाला का मुंबई में है हार्डवेयर का बिजनेस
वहीं फायरिंग में मरने वाले भवानीमंडी के भानपुरा निवासी कादर भाई मोहम्मद हुसैन वर्षों से मुंबई में रहकर बिजनेस करते थे। वे मुंबई जा रहे थे। बोहरा समाज के लोगों ने बताया कि कादर भाई मोहम्मद हुसैन का मुंबई के नालासोपारा क्षेत्र में हार्डवेयर का बिजनेस है। वह मोहर्रम मनाने एक सप्ताह पूर्व भानपुरा आए हुए थे। उनकी पत्नी अभी दुबई में हैं, जो मुंबई पहुंच रही हैं।