जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने लोकसभा में उठाई ESIC मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग,जाने क्या होगा लाभ
जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने आज लोकसभा मे चर्चा के दौरान जयपुर मे ई.एस.आई.सी. मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो ईएसआईसी अस्पताल संचालित हो रहा है वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। इसलिए अब इसकी सुविधाएं बढ़ाने का समय है। मैं ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग जयपुर शहर की तरफ से उठाता हूं।
कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से सुविधाओं की पूर्ति नहीं
सांसद बोहरा ने संसद मे कहा कि मेक इन इंडिया, र्स्टाटअप इंडिया, स्टेंडअप इंडिया, मुद्रा लोन जेसी योजनाओं से देश के औद्योगिक गतिविधियों में तो बढ़ोतरी हुई है साथ ही जयपुर शहर को भी संस्थागत रूप से काफी फायदा पहुंचा है। इसके साथ ही कई प्राइवेट सेक्टर्स के कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ी है। इसलिए जो ईएसआईसी अस्पताल इस समय संचालित हो रहा है वह कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। इसलिए अब कर्मचारियों के लिए इन सुविधाओं का विस्तार होना चाहिए।
सिर्फ जयपुर ही नहीं पूरे राजस्थान को मिलेगा फायदा
बोहरा ने कहा कि अगर जयपुर में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज खोला जाता है तो इससे सिर्फ जयपुर को ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान के प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को और उनके परिवार को राहत मिलेगी। रामचरण बोहरा ने कहा कि ईएसआईसी अस्पताल सिर्फ 300 बेड का है। जो जयपुर के ही प्राइवेट सेक्टर्स के कर्मचारियों के लिए पूर्ति नहीं कर पा रहा है। वर्तमान मे भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से देश मे 9 ई.एस.आई.सी. मेडिकल कॉलेज संचालित किये जा रहें है।
क्या है ईएसआईसी ?
बता दें कि ईएसआईसी यानी कर्मचारी राज्य बीमा निगम प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले हर कर्मचारी और उसके परिवार को स्वास्थ्य सुविधाएं और बीमा प्रदान करता है इस सुविधा का लाभ लेने के लिए कर्मचारी के पास ईएसआईसी की तरफ से जारी किया हुआ कार्य होता है जिसके जरिए ही वह ईएसआईसी के अस्पतालों में बीमा का लाभ ले सकता है।
दिव्यांग और महिलाओं को भी मिलते हैं लाभ
इस योजना से सिर्फ बीमारी का फ्री इलाज ही नहीं बल्कि दिव्यांगता और मातृत्व का लाभ अलावा के अलावा बेरोजगारी भत्ता भी मिलता है।प्राइवेट सेक्टर्स में नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक सुनिश्चितता प्रदान करने के लिए यह योजना भारत सरकार की तरफ से शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को एक सुरक्षा कवच देना है ताकि बीमारियों और उसमें इलाज में आने वाले खर्चे के बोझ तले परिवार दबे नहीं और प्राइवेट सेक्टर को एक नई उड़ान मिल सके।