मुनेश गुर्जर ने 74 दिन बाद मेयर का पद संभाला, BJP की जीत पर जानिए क्या कहा
जयपुर। नगर निगम हेरिटेज ( Municipal Corporation Heritage ) मुनेश गुर्जर ने आज फिर से मेयर की कुर्सी संभाल ली है। मुनेश गुर्जर ने अपने समर्थकों के साथ निगम ऑफिस पहुंचकर पद संभाला। राजस्थान हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद पिछले 74 दिनों से खाली चल रहे मेयर के पद पर कार्यकाल संभाला।
नगर निगम मेयर का पदभार ग्रहण करने के बाद मुनेश गुर्जर ने कहा- सत्य का रास्ता कठिन हो सकता है, लेकिन मुश्किल नहीं है। यह जीत सत्य की जीत है। न्यायपालिका पर मुझे पूरा विश्वास था। ईश्वर पर मेरी आस्था थी। उसी का नतीजा है कि मुझे तीसरी बार मेयर पद पर पदभार ग्रहण करने का मौका मिला है। इसलिए मैं यही कहना चाहती हूं कि 'सत्यमेव जयते'।
मुनेश गुर्जर ने कहा- राजस्थान में नई सरकार आई है। जीतने वाला व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसे में हमारी जो भी कमियां रही है। उसका आकलन करेंगे। नई सरकार का असर नगर निगम बोर्ड पर नहीं रहेगा। पूर्ण बहुमत हमारे पास में है। सभी पार्षद मिलजुलकर जयपुर की सेवा के लिए काम करेंगे। इससे पहले भी हमने जयपुर के विकास में कोई कमी नहीं रखी है।
22 सितंबर को दूसरी बार हुई थी निलंबित…
दरअसल, जयपुर एसीबी टीम ने 4 अगस्त 2023 को हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था। एसीबी टीम ने मेयर पति सुशील गुर्जर और दो दलालों को गिरफ्तार किया। सुशील पर पट्टे बनाने की एवज में 2 लाख की घूस मांगने का आरोप था। मेयर के घर सर्च में 40 लाख नकद मिले। इसके साथ ही एक दलाल के घर भी 8 लाख नकद बरामद हुए थे। घर से 40 लाख और पट्टे की फाइलें बरामद होने के मामले में डीएलबी ने 17 अगस्त को नोटिस जारी कर मुनेश गुर्जर से जवाब मांगा था।
5 अगस्त को पहली बार किया था सस्पेंड
इससे पहले 5 अगस्त को स्वायत्त शासन विभाग ने मुनेश गुर्जर को मेयर और पार्षद पद से निलंबित कर दिया। 23 अगस्त को मुनेश को कोर्ट से राहत मिली और मुनेश महापौर की कुर्सी पर फिर बैठ गईं। एक सितंबर को राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को निलंबित करने का फैसला वापस ले लिया।
मेयर और पार्षद पद से किया था निलंबित…
घर से 40 लाख और पट्टे की फाइलें बरामद होने के मामले में डीएलबी ने 17 अगस्त को नोटिस जारी कर मुनेश गुर्जर से जवाब मांगा था। मेयर ने जवाब में खुद को निर्दोष बताने के साथ घर से बरामद पैसे को परिवार की जमीन बेचने से जुड़ी राशि बताते हुए एसीबी के आरोपों को सिरे से नकार दिया था। इस जवाब को जांच में सही नहीं माना गया और मुनेश गुर्जर को प्राथमिक जांच में मेयर के पद के दुरुपयोग का दोषी माना। स्वायत्त शासन विभाग ने 22 सितंबर को मुनेश गुर्जर को हेरिटेज मेयर और पार्षद पदों से सस्पेंड कर दिया था।
दोबारा निलंबन के आदेश के खिलाफ मुनेश गुर्जर ने 26 सितंबर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में मुनेश ने कोर्ट से कहा था कि सरकार ने एक बार फिर उन्हें कानून से विपरीत व तथ्यों से परे जाकर निलंबित किया है।