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चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे जेल कर्मियों की बिगड़ने लगी तबीयत, अब 23 जनवरी को जयपुर कूच का ऐलान

02:08 PM Jan 16, 2023 IST | Anil Prajapat

जयपुर। वेतन विसंगति सहित विभिन्न मांगों को लेकर चल रही जेल सुरक्षा प्रहरी की भूख हड़ताल सोमवार को चौथे दिन भी जारी रही। लेकिन, अब मेंस का बहिष्कार कर रहे जेल कर्मियों की तबीयत बिगड़ने लगी है। सोमवार को झालावाड़, श्रीगंगानगर, ब्यावर, खेतड़ी और रतनगढ़ में अनशन पर बैठे जेल कर्मियों की तबीयत बिगड़ गई। इसके चलते कई कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। लेकिन, जेल प्रहरियों की मांगों पर अब तक कोई सहमति नहीं बनी है। ऐसे में जेल प्रहरियों ने ऐलान किया कि सरकार ने मांगे नहीं मानी तो कर्मचारी महासंघ जयपुर कूच करेगा।

बता दें कि जेल सुरक्षा प्रहरी चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हुए है। जिसके चलते रविवार के बाद सोमवार को भी कई जेल प्रहरियों की तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आई है। अजमेर के ब्यावर में सोमवार को जेल प्रहरी बीना और नारायण सिंह की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद दोनों जेल कर्मियों को उपचार के लिए एकेएच अस्पताल में भर्ती कराया गया।

झालावाड़ में 11 जेल प्रहरियों तबीयत बिगड़ी

झालावाड़ में सोमवार को 11 जेल प्रहरियों की तबीयत बिगड़ गई। सभी जेल प्रहरियों को जिला एसआरजीअस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इससे पहले रविवार को भी अनशन पर बैठे सात जेल प्रहरियों की तबीयत खराब हो गई थी। झालावाड़ में जेल के बाहर अनशन पर बैठे जेल प्रहरियों में से अब तक 18 की तबीयत बिगड़ चुकी है।

इन जगहों पर भी जेल प्रहरियों की तबीयत खराब

झुंझुनूं के खेतड़ी में अनशन पर बैठी महिला जेल प्रहरी की फिर से तबीयत बिगड़ गई है। इसके बाद जेल प्रहरी सुलोचना को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। बता दें कि 2 दिन पहले भी महिला जेल प्रहरी सुलोचना की तबीयत बिगड़ गई थी। वहीं, चूरू के रतनगढ़ में प्रहरी सांवरमल मीणा को तबीयत बिगड़ने के बाद साथी प्रहरीयों ने एम्बुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया। श्रीगंगानगर के श्रीकरणपुर में भी 2 जेल प्रहरियों की तबीयत बिगड़ने के बाद दोनों को राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया।

क्यों कर रहे है जेल प्रहरी प्रदर्शन?

बता दें कि वर्ष 1998 से चली आ रही वेतनमान और भत्ते की विसंगति एवं राज्य सरकार से 2017 को राज्य सरकार व विभाग के अधिकारियों के बीच कार्मिकों के वेतन संबंधी मामलों में जो समझौता हुआ था उस पर आज तक कोई विचार नहीं किया गया है। इसके विरोध में प्रदेशभर के जेल प्रहरी चार दिन से अनशन पर बैठे हुए है।

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