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जघीना हत्याकांड : SIT जांच के बाद 11 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, जेल प्रशासन की खामी भी आई सामने

बदमाश कुलदीप जघीना की हत्या के मामले की गठित की गई एसआईटी ने जांच रिपोर्ट सीआईडी क्राइम ब्रांच के आईजी के माध्यम से डीजीपी को सौंप दी।
10:47 AM Jul 27, 2023 IST | Anil Prajapat
जघीना हत्याकांड   sit जांच के बाद 11 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज  जेल प्रशासन की खामी भी आई सामने

Jaghina Murder Case : जयपुर। भरतपुर के हलैना में रोडवेज बस में पेशी पर ले जाए जा रहे हार्डकोर बदमाश कुलदीप जघीना की हत्या के मामले की गठित की गई एसआईटी ने जांच रिपोर्ट सीआईडी क्राइम ब्रांच के आईजी के माध्यम से डीजीपी को सौंप दी। उसके आधार पर बुधवार को 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। अब इसकी जांच विजिलेंस को दी गई है। जांच रिपोर्ट में बस में सवार चालानी गार्ड व भरतपुर में बस की एस्कॉर्ट कर रही पुलिस टीम की लापरवाही मानी गई है।

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इनके खिलाफ हुआ एक्शन रिपोर्ट के आधार पर भरतपुर के हलैना थाने से एस्कॉर्ट प्रभारी एसआई हरेन्द्र सिंह, कांस्बल सत्यवीर, चंद्रपाल टे व जगवीर सिंह के साथ ही जयपुर कमिश्नरेट से चालानी गार्ड प्रभारी हेड कांस्बल शंकर लाल, कांस्टेबल नेमीचंद, जितेन्द्र, रोहित, सुरेन्द्र, महेन्द्र व सुरेन्द्र को निलंबित किया गया। अन्य कार्मिकों की भूमिका की जांच रिपोर्ट अग्रिम कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को भेजी गई।

सुरक्षा व्यवस्था मापदंडों के अनुसार नहीं थी

जांच में यह भी सामने आया है कि कुलदीप जघीना व विजयपाल को हार्डकोर अपराधियों के सुरक्षा मापदंडों के अनुसार दी जाने वाली सुरक्षा में पेशी पर नहीं ले जाया जा रहा था। वहीं, ऐसे हत्या के मामले में पकड़े गए हार्डकोर बदमाशों को कोर्ट में पेशी में ले जाने को लेकर पुलिस संसाधनों की कमी पर भी टिप्पणी की गई है। जयपुर पुलिस इन अपराधियों को तीन माह में 12वीं बार रोडवेज बस में बैठाकर भरतपुर लेकर जा रही थी।

जेल प्रशासन की भी खामी आई सामने

जयपुर पुलिस लाइन में जयपुर जेल से मिले वारंट में बदमाशों को लेकर हार्डकोर या हिस्ट्रीशीटर नहीं लिखा हुआ था। इसलिए हर बार की तरह एक हेड कांस्टेबल सहित 6 कांस्टेबल की टीम भेजी गई थी। इसीलिए पुलिस बदमाशों को सरकारी बस में ले जा रही थी। इससे पहले भी दोनों बदमाशों को बस से 11 बार ले जा चुके थे। जुलाई में जिस दिन बस में गोली मारकर हत्या की गई उस महीने में यह तीसरी पेशी थी। इससे पूर्वजून में 6 पेशी हुई थी। बता दें भरतपुर जेल प्रशासन ने इन्हें जयपुर जेल भेजने के दौरान अपने लेटर में हार्डकोर बताया था, लेकिन जयपुर जेल के कर्मचारियों ने इसे नजरंदाज किया।

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