गाजा के अस्पतालों में सड़ी-गली हालत में मिले नवजात बच्चों के शव, ICU में कीड़े-मक्खियां रेंग रही, 24 घंटे में 310 मौतें
तेल अवीव। इजराइली सेना और हमास की लड़ाई अकल्पनीय मानवीय आपदा लेकर आई है। गाजा के अल नस्र अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखे 4 नवजात बच्चों के सड़ी गली हालत में शव मिले हैं। अमेरिकी मीडिया हाउस सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल के ग्राउंड ऑपरेशन के चलते डॉक्टरों को अस्पताल खाली कर जाना पड़ा था। बच्चों को आईसीयू की जरूरत होने की वजह से वो उन्हें साथ नहीं ले जा सके।
नवजातों को वहीं, छोड़कर जाना पड़ा था। जैसे ही अस्पताल में फ्यूल खत्म हुआ तो आईसीयू में मशीनों ने काम करना बंद कर दिया। इससे बच्चों की मौत हो गई और उनके शरीर सड़ गए। बच्चों के बेड पर अब भी दूध की बोतल और डायपर पड़े हुए हैं।
वहीं गाजा के एक रिपोर्टर ने इस अस्पताल का वीडियो बनाया है, जिसमें दिख रहा है कि अस्पताल में नवजात बच्चों के शव अभी भी आईसीयू के बेड पर लाइफ सेविंग इक्विपमेंट्स से जुड़े हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वीडियो में चार नवजातों के शव दिख रहे हैं और कुछ तो कंकाल में बदल चुके हैं। कुछ नवजातों के शवों में अब भी अस्पताल की मशीनों के तार जुड़े हुए हैं। उनके शरीर पर मक्खियां और कीड़े रेंगते नजर आए।
इस्राइल के हमले के बाद खाली किया गया था अस्पताल…
बता दें कि इजरायल-गाजा युद्ध को 2 महीने बीत चुके हैं। 7 अक्टूबर को शुरू हुई जंग अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। रिपोट्स के मुताबिक पिछले 24 घंटों में इजरायली हमलों में गाजा में 300 लोग मारे गए हैं। इस बीच गाजा में युद्धविराम (Gaza Ceasefire UN Resolution) का लगातार आह्वान किया जा रहा है। सीजफायर की ऐसी ही संयुक्त राष्ट्र की एक कोशिश को अमेरिका ने शुक्रवार को रोक दिया। UN के सीजफायर का प्रस्ताव को अमेरिका की वजह से पास नहीं हो सका। अमेरिका के प्रस्ताव पर वीटो कर दिया।
हमास ने इजराइल पर किया था हमला…
7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया। करीब एक महीने बाद नवंबर की शुरुआत में सीजफायर से पहले अल-नासेर अस्पताल के पास इजराइली सेना और हमास के बीच मुठभेड़ तेज हो गई थी। आईडीएफ ने दावा किया था कि इन अस्पतालों में हमास के आतंकियों ने अपने ठिकाने बनाए हुए हैं। इस्राइल ने हमले से पहले अस्पताल खाली करने का निर्देश दिया था। जिसके चलते अस्पताल का स्टाफ जल्दबाजी में यहां से निकल गया था और माना जा रहा है कि इसी दौरान कई नवजात बच्चों को अस्पताल में ही छोड़ दिया गया, जिनकी बाद में मौत हो गई। अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल खाली करने से पहले ही दो नवजात बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि अन्य बच्चे जीवित थे, लेकिन बाद में देखभाल नहीं मिलने के चलते उनकी भी मौत हो गई।
इस्राइल ने आरोपों को नकारा…
अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख डॉ. मुस्तफा अल कहलौत का कहना है कि 9 नवंबर को अस्पताल के आईसीयू की ऑक्सीजन सप्लाई काट दी गई थी। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय संगठनों, रेड क्रॉस आदि से भी सप्लाई फिर से शुरू करने की अपील की गई थी, लेकिन इसके बावजूद सप्लाई बंद रही। साथ ही युद्ध के चलते अस्पताल में एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाईं। साथ ही अस्पताल के स्टाफ को भी जल्दबाजी में अस्पताल परिसर खाली करने का आदेश दिया गया। वहीं इस्राइली सेना ने नवजात बच्चों की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है और कहा है कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद और फर्जी हैं।
गाजा में बीती रात भी हमला, सबसे पुरानी मस्जिद तबाह…
इजराइली सेना ने बीती रात गाजा की सबसे पुरानी ओमारी मस्जिद पर हमला किया। इस हमले में मस्जिद का बड़ा हिस्सा तबाह हो गया। बीबीसी के मुताबिक इस मस्जिद को 7वीं सदी में बनाया गया था। इस हमले के बाद हमास ने UNESCO से ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही है।
गाजा में अब तक 104 मस्जिदें तबाह हो चुकी हैं। वहीं, पिछले 24 घंटों में गाजा में करीब 310 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। इजराइली सेना को गाजा के एक स्कूल के क्लासरूम के नीचे सुरंगें मिली हैं। उधर, UNSC में सीजफायर का प्रस्ताव खारिज हो गया।
US ने UN के तत्काल युद्धविराम प्रस्ताव पर लगाया वीटो…
वहीं अमेरिका ने इसके खिलाफ शुक्रवार को वीटो का इस्तेमाल किया। दरअसल, अमेरिका का कहना है कि सीजफायर से हमास को फायदा होगा और वो हमले के लिए हथियार जुटा लेंगे। यह प्रस्ताव UAE ने पेश किया था।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तत्काल युद्धविराम के लिए आपातकालीन सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 99 का इस्तेमाल किया, बता दें कि अनुच्छेद 99 का इस्तेमाल बहुत ही रेयर किया जाता है। उन्होंने बंधकों की रिहाई की अपील करते हुए कहा कि "हमास द्वारा की गई क्रूरता कभी भी फिलिस्तीनी लोगों की सामूहिक सजा को उचित नहीं ठहरा सकती।" इस बीच इजरायल की मदद करने वाले अमेरिका ने UN के प्रस्ताव पर वीटो कर दिया।