इंटरनेशनल साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए रुपए दोगुना करने का देते थे लालच
दौसा। राजस्थान के दौसा में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इंटरनेशनल साइबर ठग गिरोह का खुलासा हुआ है। ये ठग लोगों को समय से पहले पैसों को दोगुना करने का झांसा देकर फर्जी कंपनियों में इन्वेस्ट कराते थे। बदमाश इतने शातिर है कि लोगों को फंसाने के लिए शुरुआत में रुपए डबल करते भी थे। जब इन्वेस्ट करने वाले को पूरा भरोसा हो जाता तो ये बदमाश बड़ी रकम निवेश करते ही निवेशकों से ठगी कर लेते थे।
पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया कि दौसा की साइबर थाना पुलिस ने शनिवार को ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। दौसा पुलिस ने 27 लाख की ऑनलाइन ठगी के एक मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी बदमाश शातिर ठग हैं, जिनके इंटरनेशनल लिंक भी हैं। पुलिस ने बदमाशों के पास से कई बैंकों की 32 पासबुक, 32 ब्लेंक चैक, 35 ATM, 17 सिम कार्ड, 29 फर्मो की प्रोपराइटर स्टांप व सील, 4 लेपटॉप, 3 मोबाइल फोन की पेड, 7 मोबाइल, एक POS मशीन, 17 पेन कार्ड, 2 हार्ड डिस्क, 4 क्यूआर कोड स्केनर समेत आधार कार्ड, सीसीटीवी कैमरा, आईडी कार्ड, हिसाब की डायरिया समेत कई उपकरण बरामद किए हैं।
एसपी वंदिता राणा ने बताया कि दौसा के बैजूपाड़ा थाना इलाके के दुब्बी गांव निवासी संजय पीलवाल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। संजय ने शिकायत में बताया कि ट्रेडिंग के नाम पर उसे एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर रकम दोगुना करने का झांसा दिया गया था। ठगों ने उससे 26 लाख 60 हजार 338 रुपए की ठगी कर ली। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एसपी के निर्देश पर विशेष टीम का गठन किया गया। इसके बाद पुलिस ने टोंक निवासी नरेश मीणा, महेन्द्र जोशी निवासी जोधपुर, तुषार वैष्णव निवासी जोधपुर, दीपक वर्मा, संजय वर्मा और मुकेश पटेल निवासी जयपुर को गिरफ्तार किया हैं। पुलिस की पूछताछ में बदमाशों ने ठगी की वारदात करना कबूल किया है।
पुलिस की पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि लोगों से ठगी का कैश प्राप्त करने के लिए भी शातिर तरीका अपनाया हुआ था। इसके लिए बदमाशों ने मुंबई व गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में किराए पर ऑफिस लिए हुए थे। जहां बदमाशों ने लोगों से फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन करवाकर बैंक खाते खुलवाए गए। ताकि अधिकतम लेन-देन किया जा सके। इन्हीं खातों में ठगी का पैसा ट्रांसफर किया जाता था।
ये ठग साइबर ठगी के जरिए दो-तीन करोड रुपए का लेनदेन करते थे। गिरोह को चलाने वाले सरगना दुबई, कंबोडिया, वियतनाम व थाईलैंड में रहकर अपने गुर्गों की मदद से ठगी का कारोबार करते हैं। विदेशी कंपनियों के भारतीय मोबाइल सिम कार्ड एक्टिव करवाते हैं और वारदातों का अंजाम देते हैं। इसके बाद क्रिप्टो करेंसी व हवाला के जरिए से ट्रांजैक्शन करते हैं।
पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए पीड़ित के बैंक खाते से जिन खातों में कैश ट्रांसफर हुआ उनका पता लगाते हुए कड़ी से कड़ी जोड़ी। पुलिस की जांच में सामने आया कि बदमाशों के कई राज्यों सहित देश-विदेश से तार जुड़े हुए है। बदमाश राजस्थान, गुजरात, मुंबई, यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार व दिल्ली सहित दुबई, कंबोडिया, वियतनाम व थाईलैंड में इनका गिरोह सक्रिय है। जिसके बाद साइबर टीम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए मुंबई में साइबर ठगी के खाता यूजर व उनके सहयोगियों को दस्तयाब किया।
जो मुंबई में मुख्य अभियुक्त के साथ रहकर फर्जी कंपनियां व प्रोपराइटर फर्म बना उनके नाम से फर्जी बैंक खाता खुलवाकर ठगी करते थे। वहीं उनके नाम से फर्जी बैंक खाता खुलवाने वाले को जयपुर से दस्तयाब किया।
पुलिस को बदमाशों के बैंक खातों की जांच में 58 करोड़ का लेन-देन मिला है। बदमाशों ने बताया कि उनके गिरोह का सरगना विदेश में रहकर भारत में अपने गुर्गों से वारदात कराता है। पुलिस अब सरगना समेत नेटवर्क के अन्य बदमाशों की तलाश में जुटी है।