10वीं के बाद क्या सब्जेक्ट लें? डॉक्टर बनें या इंजीनियर…सारी शंकाएं दूर करेगी राजस्थान सरकार की ये पहल
जयपुर। प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही भावी पीढ़ी के सुनहरे भविष्य की राह तैयार करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने अनूठी पहल करते हुए ‘डायल फ्यूचर’ (भविष्य की राह) कार्यक्रम की शुरुआत की है। अब प्रदेश के सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण कर चुके विद्यार्थियों का संकाय चयन में मार्गदर्शन करने के साथ कॅरियर काउंसलिंग भी की जाएगी।
विद्यार्थियों के भावी जीवन की राह संवारने वाले शिक्षक ‘पथ प्रदर्शक शिक्षक’ कहलाएंगे। शिक्षा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने मंगलवार को बीकानेर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम के लोगो, ब्रोशर, बुकलेट और वीडियो का विमोचन किया। प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 15 हजार से अधिक पथ प्रदर्शक शिक्षक एवं विभाग के 500 से अधिक अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम से जुड़े।
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व्यावसायिक शिक्षा की भी जानकारी दे
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ बनना चाहता है और कुछ बनने का माध्यम तालीम है। उन्होंने कहा कि 28 जून से 5 अप्रैल तक दसवीं पास करने वाले बच्चों का विषय चयन में मार्गदर्शन किया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि पथ प्रदर्शक शिक्षक बच्चों को सही संकाय चयन के साथ दसवीं के बाद व्यवसायिक शिक्षा की भी जानकारी दें, जिससे वे कार्यशील जनसंख्या का हिस्सा बन सकें।
शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान ने कहा कि पहले हर बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर या अध्यापक ही बनना चाहता था लेकिन बदलते समय के साथ बच्चों के लिए कॅरियर बनाने की अनेक राहें खुल गई हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक का स्थान ईश्वर से भी ऊपर है। स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि डायल फ्यूचर कार्यक्रम में संकाय चयन का मार्गदर्शन देने के साथ ही निकटतम विद्यालय की भी जानकारी दी जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने कहा कि डायल फ्यूचर कार्यक्रम विद्यार्थियों के संकाय चयन में सहायक होगा।
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कार्यशाला में दी पथ प्रदर्शक शिक्षकों को ट्रेनिंग
इस दौरान प्रदेश के सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों के चयनित पथ प्रदर्शक शिक्षकों के लिए एक दिवसीय ऑनलाइन आमुखीकरण कार्यशाला भी आयोजित की गई। कार्यशाला को प्योर इंडिया ट्रस्ट जयपुर के प्रशांत पाल, आईडियाज टू इंपैक्ट फाउंडेशन की भावना भसीन तथा कॅरियर काउंसलर डॉ. चंद्रशेखर श्रीमाली ने संबोधित किया। कार्यशाला में कॅरियर काउंसलिगं से संबंधित शॉर्ट मूवी भी दिखाई गई। शिक्षकों को छात्रों की काउंसलिगं की तकनीकें सिखाईं गई व उन्हें अधिकाधिक लाभ पहुंचाने के बारे में बताया गया। कार्यशाला में राज्य परियोजना निदेशक श्रुति भारद्वाज व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।