Plane Crash : सेना का था भरतपुर में क्रैश हुआ विमान, मुरैना में हुए हादसे की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे मॉनिटरिंग
आज सेना के 3 बड़े विमान हादसों ने पूरे देश की चिंता बढ़ा दी है। राजस्थान के भरतपुर के उच्चैन में सेना का विमान क्रैश हुआ तो इसके कुछ देर बाद ही मध्य प्रदेश के मुरैना से एक साथ सेना के 2 विमान सुखोई-30 और मिराज-2000 के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आ गई। दोनों हादसों में मुश्किल से आधे घंटे का अंतराल ही था। एक साथ 3 बड़े विमान हादसों से अब सेना समेत देश के रक्षा मंत्री भी सकते में आ गए हैं। उन्होंने दोनों विमान हादसों की जानकारी ली और रिपोर्ट मांगी। वहीं अब राजनाथ सिंह इस पूरे मामले में अपनी नजर बनाए हुए हैं।
भरतपुर के उच्चैन के पिंगोला गांव के पास जो विमान हादसा हुआ था। उसमें सामने आया है कि यह विमान सेना का ही था। भरतपुर के डीएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमें सूचना मिली कि सुबह करीब 10 से 10:15 बजे के बीच प्लेन क्रैश हो गया। यहां आने के बाद पता चला कि यह इंडियन एयरफोर्स का फाइटर जेट है। लेकिन मलबे को देखते हुए अभी यह पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह फाइटर एयरक्रॉफ्ट है या नॉर्मल प्लेन है। इसके साथ ही अभी यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या पायलट बाहर निकले हैं या नहीं।
दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के मुरैना में हुए हादसे को लेकर देश के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को वायुसेना प्रमुख ने दोनों विमानों सुखोई-30 और मिराज-2000 के हादसे की जानकारी दे दी है। राजनाथ सिंह अब पूरे मामले में बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह CDS अनिल चौहान और वायुसेना के प्रमुख मार्शल वीआर चौधरी के संपर्क में हैं जो उन्हें पल-पल की जानकारी दे रहे हैं।
IAF की बिठाई गई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी
मुरैना विमान हादसे को लेकर IAF कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बिठाई गई है जो यह जानने की कोशिश करेंगें कि क्या इन दोनों विमानों के बीच टक्कर हुई थी या हादसे का कोई और कारण था। बता दें कि दुर्घटना के दौरान सुखोई-30 में 2 पायलट थे जबकि मिराज-2000 में एक पायलट था। शुरुआती जांच में पता चला है कि 2 पायलट सुरक्षित हैं जबकि एक अभी लापता है। जिसकी लोकेशन ट्रैक कर IAF का हेलिकॉप्टर उस तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। वहीं भरतपुर में क्रैश हुए विमान में दो पायलट होने की जानकारी मिली है, लेकिन इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टी नहीं हुई, इसलिए अभी इसके बारे में पुख्ता नहीं कहा जा सकता।
बता दें कि सुखोई-30 और मिराज-2000 ने मध्य प्रदेश में ही स्थित ग्वालियर एयरबेस से ही उड़ान भरी थी जिसके थोड़ी देर बाद ही यह हादसा हो गया। जबकि भरतपुर में क्रैश हुए हेलिकॉप्टर ने आगरा एयरबेस से उड़ान भरी थी।