यह है भारत की सबसे पुरानी जुमा मस्जिद, 629 ईस्वी में हुआ था निर्माण
भारत देश विविधताओं में एकता वाला देश है। यहां सभी धर्म और जाति के लोग निवास करते हैं। सभी धर्मों के लिए धार्मिक स्थान के रूप में मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर और गुरद्वारे भी बने हुए है। इन स्थानों पर लोग प्रार्थना करने व मन की शांति प्राप्त करने के लिए जाते हैं। यहां इन स्थानों की बात इसलिए की जा रही है क्योंकि आज हम जानेंगे देश की सबसे पुरानी मस्जिद के बारे में… यह मस्जिद कब बनी, कहां बनी तथा इसका इतिहास क्या है। इसी को लेकर विस्तार से आज के कॉर्नर में जानेंगे। यह मस्जिद देश की पहली जुमा मस्जिद है। इसमें एक संग्रहालय बना हुआ है। जहां शीशे की एक पेटी में मस्जिद का छोटा नमूना बना हुआ। इस संग्रहालय में प्राचीन काल की कई कलात्मक वस्तुएं भी मौजूद है।
इतिहास
इस मस्जिद का निर्माण मलिक बिन दीनार ने 629 ईस्वी में करवाया था। मलिक दीनार भी चेरामन पेरुमल के समय के शासक थे। चेरामन ने मक्का के लोगों को भारत में इस्लाम का प्रचार करने के लिए बुलाया था। ऐसा कहा जाता है कि उन्हीं के कहने पर मलिक दीनार और मलिक बिन हबीब भारत आए था। मक्का की यात्रा की और इस्लाम धर्मस्वीकार कर लिया था। पेरुमल के कहने पर ही उन्होंने इस मस्जिद का निर्माण करवाया था।
इस मस्जिद में दक्षिण के मंदिरों की शैली नजर आती है। मस्जिद के बाहर एक तालाब बना हुआ है। मस्जिद के अंदर सालों से एक जलता हुआ दीया रखा हुआ है। शुरूआत में यह मस्जिद लकड़ी से बनाई गई थी। बाद में इसकी मरम्मत की गई। मस्जिद में लगा काला संगमरमर मक्का से लाया गया था। इसमें मलिक दीनार और उनकी बहन की कब्र बनी हुई हैं।
केरल में स्थित
भारत की सबसे पुरानी मस्जिद केरल राज्य में स्थित है। चेरामन जुमा के नाम से जानी जाने वाली यह मस्जिद केरल के त्रिशूर जिले में कोडंगलूर तालुक के मेथला गांव में स्थित है। इसके इतिहास को लेकर अलग-अलग मतभेद हैं। कुछ दंतकथाओं की मानें तो चेरामन पेरुमल नामक एक व्यक्ति थे। वे जब एक बार अरब की तीर्थ यात्रा पर गए तो जेद्दा में उनकी मुलाकात एक धर्म प्रचारक से हुई।
इस मुलाकात का असर चेरामन पर इस तरह पड़ा कि उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार कर अपना नाम तजुद्दीन रख लिया। इस तरह केरल में इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ। उन्होंने यहां एक मस्जिद का निर्माण भी करवाया। उन्हीं के नाम पर इसका नाम चेरामन जुमा रखा गया।
मस्जिद की वास्तुकला
मस्जिद की वास्तुकला की बात करें तो, इसका निर्माण हिंदुओं द्वारा हिंदू कला और वास्तुशिल्प के आधार पर किया गया था। इसी के साथ तीन महान इस्लाम धर्म अनुयायियों की कब्रें भी बनी हुई हैं। यह भारत की पहली और दुनिया की दूसरी ऐसी मस्जिद है, जहां जुमा नमाज शुरु हुई थी।
(Also Read- ताड़ प्रजाति का होता है यह वृक्ष, दवाइयां बनाने में भी किया जाता है इसका इस्तेमाल)