India VS Australia 4th Test Match: भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने एक साथ देखा मैच
India VS Australia 4th Test Match: अहमदाबाद। ‘कूटनीति की पिच’ पर खेलना एक कठिन काम है, लेकिन कई बार क्रिकेट के जरिए भारतीय नेताओं ने उपमहाद्वीप के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया। यह क्रिकेट कूटनीति गुरुवार को एक बार फिर तब सुर्खियों में आई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा और अंतिम टेस्ट मैच देखा। दोनों नेताओं ने गोल्फ कार्ट (गोल्फ खिलाड़ियों को गोल्फ कोर्स ले जाने में इस्तेमाल होने वाला छोटा मोटर वाहन) में बैठकर विशाल स्टेडियम का स्टेडियम का ‘लैप ऑफ ऑनर’ लगाया।
अपने-अपने देश की टीम से की मुलाकात
मोदी और अल्बनीज ने दोनों टीम के खिलाड़ियों से मुलाकात की। रोहित शर्मा ने पीएम मोदी को भारतीय खिलाड़ियों से मिलवाया, तो कंगारू कप्तान स्टीव स्मिथ ने अल्बनीज की ऑस्ट्रेलियाई टीम से मुलाकात करवाई। और जब भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रगान बजाए गए तो वे खिलाड़ियों के साथ खड़े थे। दोनों प्रधानमंत्रियों ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम के ‘हॉल ऑफ फेम संग्रहालय’ का भी दौरा किया। अल्बानीज बुधवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे थे। उन्होंने शहर में आयोजित कुछ कार्यक्रमों में शिरकत की थी। वहीं, मोदी बुधवार देर रात अहमदाबाद पहुंचे थे।
तालियों से स्वागत
मोदी और अल्बनीज ने अपने-अपने देश की क्रिकेट टीम के कप्तानों क्रमश: रोहित शर्मा और स्मिथ को टेस्ट कैप सौंपी। स्टेडियम में हजारों दर्शकों ने गोल्फ कार्ट पर सवार दोनों पीएम का तालियां बजाकर स्वागत किया।
भारत को WTC के लिए जीतना जरूरी
भारत चार टेस्ट की श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा है। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने गुरुवार को यहां टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले दिन स्टंप्स तक ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट के नुकसान पर 255 रन बना लिए थे। उस्मान ख्वाजा 104 और ग्रीन 49 रन पर नाबाद थे। भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए यह मैच जीतना जरूरी है।
मनमोहन सिंह ने भी किया था ऐसा
द्विपक्षीय संबंधों को गति देने के लिए क्रिकेट और कूटनीति का मिश्रण पहले भी देखने को मिला है। वर्ष 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष यूसुफ रजा गिलानी मोहाली में हुए विश्व कप सेमीफाइनल का एक दिवसीय मैच देखने पहुंचे थे। वर्ष 1987 में पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य तानाशाह जिया-उल-हक ने जयपुर में मैच देखने के लिए भारत की यात्रा की थी।
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