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राजस्थान के रेतीले धोरों में 14 दिन दिखेगा भारत-यूएई का युद्ध कौशल, जानिए क्या है डेजर्ट साइक्लोन?

राजस्थान के रेतीले धोरों में भारत और यूएई की सैनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास आज से शुरू होगा, 15 जनवरी तक चलेगा। जैसलमेर में होने वाले इस युद्धाभ्यास को ‘डेजर्ट साइक्लोन’ नाम दिया गया है।
08:58 AM Jan 02, 2024 IST | Anil Prajapat
राजस्थान के रेतीले धोरों में 14 दिन दिखेगा भारत यूएई का युद्ध कौशल  जानिए क्या है डेजर्ट साइक्लोन
India-UAE military exercise

Desert Cyclone 2024 : जैसलमेर। राजस्थान के रेतीले धोरों में भारत और यूएई की सैनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास आज से शुरू होगा, 15 जनवरी तक चलेगा। जैसलमेर में होने वाले इस युद्धाभ्यास को ‘डेजर्ट साइक्लोन’ नाम दिया गया है। 14 दिन चलने वाले इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में दोनों देशों के सैनिक अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने का अभ्यास करेंगे। भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) की ओर से साझा की गई सूचना के अनुसार भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन’ की शुरुआत करने जा रहे हैं। ये वॉर एक्सरसाइज दोनों देशों के बीच काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं शहरी ऑपरेशंस में अपनी क्षमताएं बढ़ाने के लिए एक-दूसरे के सबसे बेहतर तरीके शेयर करेंगे और सीखेंगे।

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भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार दोनों देशों के संबंध मित्रतापूर्ण हैं और दोनों सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक संबंध साझा करते हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार रक्षा उपकरणों का प्रोडक्शन व डेवलपमेंट, सैन्य बलों का संयुक्त अभ्यास, नौसेना अभ्यास, रणनीति व सिद्धांतों पर जानकारी साझा करना और इंटरमीडिएट जेट ट्रेनर में तकनीकी सहयोग डिफेंस की फील्ड में द्विपक्षीय सहयोग के संभावित क्षेत्र होते है।

इजराइल-हमास युद्ध को देखते हुए अभ्यास महत्वपूर्ण 

सूत्रों ने बताया कि हाल ही में इजराइल-हमास युद्ध को देखते हुए इस युद्धाभ्यास को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शहर में अगर दुश्मन घुस आए तो उससे किस तरह से निपटा जाए। आतंकी कहीं छिपे हैं तो उनसे किस तरह तकनीक का सहारा लेकर उनको खत्म किया जाए। आसमान से ही घरों में छिपे दुश्मन को नेस्तनबूद करना, रणनीति व सिद्धांतों पर जानकारी साझा करना आदि कई तरह के शहरी ऑपरेशन इस दौरान किए जाएं गे। ताकि यदि दोनों में देशों में इस तरह के हालात बने तो उससे किस तरह से निपटा जाए। इसी रणनीति पर दोनों सेनाएं अपना-अपना युद्ध कौशल साझा करेंगी।

2008 में किया था पहला संयुक्त युद्धाभ्यास 

भारत और यूएई के बीच पहला संयुक्त एयर फोर्स अभ्यास सितंबर 2008 में अबुधाबी के अल-धफरा बेस पर आयोजित हुआ था। इसके साथ ही अबुधाबी में होने वाली द्वि-वर्षीय इंटरनेशनल डिफेंस ऐग्जीबिशन में भारत हिस्सा लेता आ रहा है। जैसलमेर में आज से शुरु होने वाले युद्धाभ्यास को भारतीय सेना ने दोनों ही देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया है। दोनों देशों की नौसेनाएं भी नियमित तौर पर गतिविधियों में शामिल रही हैं। दरअसल, बीते कुछ सालों में भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग खासा मजबूत हुआ है। रेग्युलर एक्सचेंज प्रोग्राम के अलावा डिफेंस ट्रेनिंग और डिफेंस इन्वेंटरी की सप्लाई के मामले में दोनों देशों के संबंध काफी बेहतर हुए हैं।

1972 में शुरू हुए थे राजनयिक संबंध 

दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक संबंधों की शुरुआत साल 1972 में हुई थी। यूएई ने 1972 में दिल्ली में अपना दतूावास शुरू किया था। वहीं, भारत ने अबुधाबी में साल 1973 में अपना दतूावास खोला था। द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध भी बीते दिनों में काफी मजबूत हुए हैं। इसे देखते हुए इस अभ्यास को काफी अहम माना जा रहा है।

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