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सीमा पार आतंकवाद खत्म करने की जरूरत : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।
09:05 AM Jul 15, 2023 IST | BHUP SINGH

पेरिस। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय साझेदारी को प्रगाढ़ बनाने पर व्यापक चर्चा की। मैक्रों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास ‘एलिसी पैलेस’ में पीएम मोदी का स्वागत किया और संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए कई मुद्दों पर बातचीत की। पीएम मोदी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारा मानना है कि सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य कहा, रक्षा सहयोग हमारे संबंधों का एक मूलभूत स्तंभ रहा है। अगले 25 वर्ष में भारत-फ्रांस रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए साहसिक और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ एक रूपरेखा तैयार की जा रही है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत में फ्रांस एक अहम साथी है। तीसरे मित्र देशों के सहयोग के लिए भी हम काम करें।

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दोनों मिलकर बनाएं गे सैन्य साजो-सामान 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकेत दिया कि दोनों देश तीसरी दुनिया के मित्रवत देशों के लिए भी प्रमुख सैन्य साजोसामान का संयुक्त रूप से निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा, यह दोनों देशों के बीच गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को एक प्रख्यात फ्रांसीसी योग शिक्षिका से मुलाकात कर प्राचीन भारतीय पद्धति के प्रति उनके जुनून और 99 साल की उम्र में भी सेहतमंद रहने के जज्बे की प्रशंसा की।मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘पेरिस में मुझे शार्लोट चोपिन से मुलाकात करने का मौका मिला।

मार्सिले में खुलेगा वाणिज्य दूतावास

मोदी ने कहा कि हम मार्सिले शहर में एक नया भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलेंगे। हम फ्रांस में भारत के यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस’ (यूपीआई) को शुरू करने पर सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री ने फ्रांसीसी यूनिवर्सिटीज को भारत में अपने परिसर स्थापित करने के लिए आमंत्रित भी किया।

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पंजाब रेजिमेंट को देखकर गर्व हुआ 

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा, मुझे यहां बैस्टिल डे परेड में पंजाब रेजिमेंट को देखकर गर्व हुआ। हम एक ऐतिहासिक विश्वास के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं। भारत और फ्रांस मिलकर वैश्विक संकटों का समाधान ढूंढ सकते हैं। हम युवाओ को नहीं भूल सकते। 2030 तक हम 30,000 फ्रांसीसी छात्रों को भारत भेजना चाहते हैं।

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