'चूम लिया चांद'… चंद्रयान-3 की कामयाब लैंडिंग, दक्षिणी ध्रुव पर लहराया तिरंगा, PM बोले- अब चंदामामा दूर के नहीं
Chandrayaan-3 Mission: देश के लिए आज गौरवशाली दिन है जहां इसरो के मिशन मून के तहत चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के दक्षिण ध्रुव पर कामयाब लैंडिग कर इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 23 अगस्त (बुधवार) को शाम 6.04 बजे चांद पर उतरा जिसके बाद चंद्रमा पर उतरने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया. भारत के चंद्रयान-3 की सबसे खास बात है कि साउथ पोल (दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र) पर अभी तक किसी भी देश का यान नहीं उतर पाया है जहां भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.
बता दें कि इसरो की 4 साल में य़ह दूसरी कोशिश थी जहां वैज्ञानिकों को सफलता मिली है. चंद्रयान-3 14 जुलाई को लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया था जिस पर कुल लागत 600 करोड़ रुपए आई है. वहीं चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद देशभर में जश्न का माहौल है और लोग आतिशबाजी कर इसरो को बधाईयां दे रहे हैं.
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं का इतिहास बनते देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है और ऐसी घटनाएं राष्ट्रजीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है और ये पल अविस्मरणीय, अभूतपूर्व है.
विकसित भारत का हुआ शंखनाद : पीएम मोदी
मोदी ने कहा कि ये पल विकसित भारत के शंखनाद का है, ये पल नए भारत के जयघोष का है, ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है, ये क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है, ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थये का है, ये क्षण भारत के उदयवान भाग्य के आह्वान का है.
उन्होंने कहा कि अमृतकाल में सफलता की यह अमृत वर्षा हुई है, हमनें धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया. आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं.
मोदी ने कहा कि मैं इस समय साउथ अफ्रीका में हूं लेकिन मेरा मन हर देशवासी की तरह भारत में ही लगा हुआ है, जहां आज हर घर में उत्सव शुरू हो गया है, आज भारत में जश्न का दिन है. मैं टीम इसरो और देश के सभी वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं जिन्होंने इस पल के लिए सालों इतनी कठिन मेहनत की.
'अब चंदा मामा के दूर के नहीं'
वहीं पीएम आगे बोले कि अब चंदा मामा के दूर के नहीं रहे हैं और एक दिन ऐसा आएगा कि बच्चे कहेंगे चंदा मामा पास के हैं. उन्होंने कहा कि अमृतकाल में अमृतवर्षा हुई है जहां हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर जाकर उसे साकार किया. इधर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इस मौके पर कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया, उन्हें बधाई, चंद्रयान की सफलता मानवता के लिए बड़ा पल है.