For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

भारत में पैदा हुईं 'अरुणा मिलर' ने अमेरिका में रचा इतिहास, गीता पर हाथ रखकर ली लेफ्टिनेंट गवर्नर की शपथ

भारत में जन्मीं अरुणा मिलर ने अमेरिका में इतिहास रच दिया है।
04:39 PM Jan 19, 2023 IST | Anil Prajapat
भारत में पैदा हुईं  अरुणा मिलर  ने अमेरिका में रचा इतिहास  गीता पर हाथ रखकर ली लेफ्टिनेंट गवर्नर की शपथ

मैरीलैंड। भारत में जन्मीं अरुणा मिलर ने अमेरिका में इतिहास रच दिया है। अरुणा मिलर अमेरिका के मैरीलैंड राज्य की पहली भारतीय-अमेरिकन लेफ्टिनेंट गवर्नर बन गई हैं। अरुणा मिलर ने भगवत गीता पर हाथ रखकर राज्य के 10वें लेफ्टिनेंट गर्वनर के रूप में शपथ ली और अपना पदभार ग्रहण किया। खास बात ये रही कि लेफ्टिनेंट गवर्नर के चुनाव में कई ट्रंप समर्थकों ने भी अरुणा मिलर का समर्थन किया।

Advertisement

अरुणा मिलर ने शपथ ग्रहण के बाद अपनी सफलता का श्रेय परिवार को दिया। उन्होंने अपने भाषण में अमेरिका के एक स्कूल में पहले दिन हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी मेरे जैसा नहीं दिख रहा था। मुझे अंग्रेजी बिल्कुल नहीं आती थी, लेकिन मैं सबके साथ फिट होना चाहती थी। इसलिए मैंने सोचा कि जैसा बाकी बच्चे करेंगे, मैं भी ठीक वैसा ही करुंगी। मैंने उस दिन कैंटीन में पहली बार अमेरिकी खाना खाया और ठंडा दूध पीया। पहले मुझे सब ठीक लग रहा था, लेकिन कक्षा में पहुंचते ही मुझे उल्टी हो गई। इसके बाद मां मुझे स्कूल से घर पर ले गईं। फिर मैंने अपनी मां से कहा कि मुझे वापस अपनी दादी के पास भारत जाना है। लेकिन, बड़े होने पर मुझे अहसास हुआ कि दूसरों के बनाए स्पेस में मुझे फिट होने की जरूरत नहीं है। जरूरी यह है कि मैं हर जगह जैसी सच में हूं, वैसी ही रहूं।

कौन है अरुणा मिलर?

58 साल की अरुणा मिलर का जन्म भारत के हैदराबाद में हुआ था। अरुणा पेशे से कैरियर ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियर हैं। उन्होंने 25 साल तक मैरीलैंड के ट्रांसपोर्टेशन डिपार्टमेंट में काम किया है। अरुणा के पिता भी मैकेनिकल इंजीनियर थे और 1960 के दशक में अमेरिका गए थे। इसके बाद अरुणा मिलर 1972 में अपने परिवार के साथ अमेरिका गई थी, जब उनकी उम्र मात्र सात साल थी। उन्हें साल 2000 में अमेरिका की नागरिकता मिली थी। अरुणा मिलर भारतीय और अमेरिकी लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं। साल 2010 से 2018 तक अरुणा मैरीलैंड के हाउस ऑफ डेलीगेट में भी रही थी। उन्होंने वहां अपने दो कार्यकाल पूरे किए थे।

.