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पेड़-पौधों की पूजा से करें सौभाग्य वृद्धि, ग्रह जनित दोष होते हैं दूर

05:48 PM Jan 09, 2023 IST | Mukesh Kumar
पेड़ पौधों की पूजा से करें सौभाग्य वृद्धि  ग्रह जनित दोष होते हैं दूर

ज्योतिष में पेड़-पौधों की पूजा के महत्व बताया गया है। सनातन धर्म में प्रकृति को देव तुल्य माना गया है। पेड़ -पौधे फल-फूल और ऑक्सीजन के साथ औषधियां भी प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ पेड़ -पौधें आपके जीवन में आने वाले संकट को दूर करने में भी सहायक होते हैं। आइये जानते हैं किस पेड़ से क्या लाभ होता है-

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तुलसी- धार्मिक ग्रंथों में तुलसी पूजा का विशेष महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसकी नियमित पूजा से परिवार में आर्थिक समृद्धि बढ़ती है और परेशानियां दूर होती है।

शमी- शमी के पौधे की पूजा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। हर शनिवार और दशहरे पर इसकी पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही कोर्ट -कचहरी के मामलों में भी सफलता मिलती है।

बरगद- बरगद या वट वृक्ष ,जिसे अक्षय वट भी कहते हैं,में ब्रह्रमा,श्रीनारायण और शिव का वास माना जाता है। इसलिए इसे देव वृक्ष भी कहा जाता है। इसकी पूजा से अखंड सौभाग्य ,सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

आंवला- आंवले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से पूर्णिमा तक इसमें भगवान नारायण का वास होता है। इस दिन नारायण प्रभु की पूजा की जाती है। हर वर्ष आंवला नवमी पर आंवले के पेड़ की परिक्रमा कर मंदिरों में आंवले चढ़ाए जाते हैं।
लाल चंदन- ज्योतिष के अनुसार लाल चंदन के पेड़ की पूजा से सूर्य ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं। इसके साथ ही नौकरी और कारोबार में आ रही बाधा दूर होकर तरक्की मिलती है।

केला- केले के पेड़ की पूजा से गुरू ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं। ऐसे जातकों को पूजा का शुभ फल प्राप्त होता है।केले के पेड़ को पवित्र माना जाता है और इसका धार्मिेक महत्व है। इसकी पूजा से अविवाहितों को विवाह शीघ्र हो जाता है।

अशोक-अशोक के पेड़ को रामायण काल से ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सीता माता को अपहरण के बाद रावण ने अशोक वाटिका में बंदी बनाकर रखा था। हिंदू समाज में हर धार्मिक आायोजन में अशोक के पत्तों की बंदनवार बनाई जाती है। पूजा में भी अशोक के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। इसकी पूजा से रोग -शोक दूर किये जाते हैं। किसी विशेष कामना की पूर्ति के लिए भी इसकी पूजा की जाती है।

अनार- अनार के वृक्ष से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अनार को औषधिय गुणों से भी भरपूर माना जाता है। प्राचीन काल से आजतक किसी भी यंत्र का सृजन अनार की कलम के बिना नहीं हो पाया है। किसी भी धार्मिक कार्य के दौरान अनार के फल का भी प्रयोग किया जाता है।

पीपल- सनातन धर्म में पीपल के पेड़ को बहुत पवित्र माना जाता है। इसमें सभी देवी-देवताओं और पितरों का निवास माना जाता है। पीपल के पेड़ में प्रतिदिन जल चढ़ाने से व्यक्ति निरोगी रहता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और धन का आगमन होता है।

नीम- नीम का पेड़ अपने औषधीय गुणों से ज्यादा जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसमें देवी दुर्गा का वास माना जाता है। मां शक्ति का रुप माने जाने वाले इस पेड़ को कहीं-कहीं नीमारी देवी भी कहा जाता है। नीम का संबंध शनि और केतु से माना जाता है। इसकी पत्तियों का प्रयोग मां काली और मां शीतला की पूजा में किया जाता है।

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