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आयकर विभाग की छापेमारी, बजरी-सिविल कॉन्ट्रेक्टर और सहयोगियों के मिली एक करोड़ की नकदी

बजरी के एक बड़े ठेकेदार व सिविल कॉन्ट्रेक्टर और उनके सहयोगियों के शुक्रवार को 21 ठिकानों पर शुरू हुई आयकर छापेमारी व सर्वे कार्रवाई में शनिवार को जहां 6 और ठिकाने जुड़े, वहीं पांच ठिकानों पर आयकर सर्वे और एक ठिकाने पर आयकर छापेमारी की कार्रवाई समाप्त भी हो गई है। शनिवार को दूसरे दिन तक आयकर अधिकारियों ने कार्रवाई में एक करोड़ रुपए की नकदी बरामद की है।
09:51 AM Nov 05, 2023 IST | BHUP SINGH

जयपुर। बजरी के एक बड़े ठेकेदार व सिविल कॉन्ट्रेक्टर और उनके सहयोगियों के शुक्रवार को 21 ठिकानों पर शुरू हुई आयकर छापेमारी व सर्वे कार्रवाई में शनिवार को जहां 6 और ठिकाने जुड़े, वहीं पांच ठिकानों पर आयकर सर्वे और एक ठिकाने पर आयकर छापेमारी की कार्रवाई समाप्त भी हो गई है। शनिवार को दूसरे दिन तक आयकर अधिकारियों ने कार्रवाई में एक करोड़ रुपए की नकदी बरामद की है, जबकि एक लॉकर खोल उसमें रखी एक किलो 250 ग्राम वजन की सोने की ज्वेलरी को जब्त की। आयकर कार्रवाई में अधिकारियों ने अनेक डिजिटल उपकरण भी बरामद किए हैं, जिनमें करीब 100 करोड़ रुपए के लेनदेन की सूचनाएं दर्ज है।

अधिकारी अब इन सूचनाओं का सघन विश्लेषण करेंगे। इसके अलावा कुछ ऐसे दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं, जिनके माध्यम से बोगस रूप से माल की खरीद फरोख्त दिखाई गई और खर्च को अनाप-शनाप दिखाया गया, जिससे आय में कमी दर्शाई जा सके। शनिवार देर रात तक बजरी ठेकेदार व सिविल कॉन्ट्रेक्टर और उनके सहयोगियों के 21 ठिकानों पर आयकर सर्वे और छापेमारी की कार्रवाई जारी रही। बताया जा रहा है कि जो नए ठिकाने जुड़े हैं, वे बजरी ठेकेदार व सिविल कॉन्ट्रेक्टर के कारोबारी सहयोगियों के हैं।

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कई बार शिकायत

जानकारी मिली है कि सरकारी योजनाओंमें किए गए उनके घटिया निर्माण व मनमानी लागत को लेकर कई लोगों ने शिकायतें भी दर्ज कराई, लेकिन इन शिकायतों पर नीलेश घनश्यामभाई गदिया और उनके सम्पर्कों के चलते विशेष जांच तक नहीं हुई और शिकायतों को दफ्तर दाखिल कर दिया गया।

मोटा मुनाफा कमाया, आयकर चुकाने में की कं जूसी

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा बजरी के एक बड़ेठे केदार व सिविल कॉन्ट्रेक्टर नीलेश घनश्यामभाई गदिया और उनके रिश्तेदारों व सहयोगियों कार्रवाई कर उसकी काली कमाई को उजागर करने का प्रयास कर रही है। यह सभी लोग राज्य सरकार की विभिन्न निर्माण योजनाओें के लिए टर्न की प्रोजेक्ट के आधार पर कार्य करते रहे हैं। इनमें से राजस्थान विधानसभा के सामने बने कांस्टिट्यूशन क्लब, विधायक निवास के अलावा राजस्थान आवासन मण्डल की कुछ परियोजनाओं का कार्य पूरा भी हो चुका है, जबकि कुछ परियोजनाएं निर्माणाधीन है।

सूत्रों का कहना है कि टर्न-की प्रोजेक्ट्स के नाम पर इन लोगों ने अधिकारियों से मिलीभगत और अपने प्रभाव का उपयोग कर सरकार से काफी अधिक मूल्यों पर कॉन्ट्रेक्टर प्राप्त किए और मोटा मुनाफा भी कमाया, लेकिन इस मुनाफे पर आयकर चुकाने में कंजूसी की गई, जिसकी शिकायतें आयकर विभाग तक पहुंची और प्राथमिक जांच में शिकायतों की पुष्टि होने के बाद आयकर विभाग ने इस कार्रवाई की शुरुआत की।

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विधायक निवास का ठेका अधिक दर पर!

सूत्रों का दावा है कि नीलेश घनश्यामभाई गदिया व उनके सहयोगियों ने विधायक निवास निर्माण का ठेका भी काफी अधिक दर पर आवंटित कराया, लेकिन जो खर्च हुआ वह काफी कम था। इस मामले में कई स्तर पर अधिकारियों को कमीशन की बंदरबाट के भी आरोप लगे, लेकिन हुआ कुछ विशेष नहीं। इसी तरह राजस्थान आवासन मण्डल ने नीलेश घनश्यामभाई गदिया को बाजार भाव की तुलना में काफी कम कीमत पर एक भूखण्ड का आवंटन करने की भी तैयारी कर ली थी, लेकिन इसकी भनक लगने के बाद कड़ा विरोध शुरू हो गया और यह आवंटन परवान नहीं चढ़ सका। बताया जाता है कि इस मामले को लेकर सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी सक्रिय हुए थे।

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