विधानसभा में विपक्ष ने सरकार को बिजली पर घेरा...तो सत्ता पक्ष ने कहा- केन्द्र से दिलाओ कोयला
विधानसभा में गुरुवार को प्रदेश में बिजली की उपलब्धता को लेकर चर्चा हुई। प्रतिपक्ष की तरफ से बिजली की कटौती, बिलों में सरचार्ज और ठेकों में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरा गया। जवाब में सरकार की तरफ से केन्द्र सरकार पर कोयला देने के लिए दबाव बनाने के लिए प्रतिपक्ष से सहयोग मांगा। चर्चा के बाद जवाब देते हुए ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि कोयले पर पूरा नियत्रंण केन्द्र सरकार का है। केन्द्र द्वारा ही राज्यों को कोल ब्लॉक आवटिं त किए जाते हैं। राजस्थान को पहले से आवटिंत खान में कोयला खत्म हो चुका है। दूसरी आवटिंत खानों कोयला उत्पादन नहीं हो पा रहा है।
‘केंद्र की बाध्यता के कारण 4गुना महंगा खरीजदना पड़ रहा है कोयला’
साथ ही महानदी कोल्स से कोयला लाना काफी महंगा और असुविधाजनक है। भंवर सिंह भाटी ने कहा कि इन सभी परिस्थितियों के बीच केन्द्र सरकार से समन्वय कर कोयले की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत आयातित कोयला खरीदने की बाध्यता संबंधी केन्द्र सरकार के निर्देश के कारण राज्य को चार गुणा महंगी दरों पर कोयला खरीदना पड़ा।
राठौड़ बोले- भ्रष्टाचार का बेजोड़ नमूना
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सरकार को घेरते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का बेजोड़ नमूना तो तब सामने आया जब अडानी समूह के साथ भाजपा के संबंधों को लेकर आए दिन कटाक्ष करने वाली कांग्रेस सरकार ने अडानी समूह को सिंगल टेंडर से 1042 करोड़ की लागत से 5.79 मीट्रिक टन कोयला आयात करने के आदेश दिए हैं। एकल धारक निविदा एक फर्म को राजस्थान में अब तक सबसे बड़ी राशि 1042 करोड़ का आदेश देना अपने आप में यह सिद्ध कर रहा है कि राज्य सरकार कोयला खरीद करके अडानी समूह को उपकृत कर रही है।
राठौड़ ने कहा कि एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए बिना वित्तीय प्रतिस्पर्धा के 1 फर्म को कोयला खरीद का इतना बड़ा आदेश देना बड़े भ्रष्टाचार को उजागर करता है। राजस्थान के करीब 1.52 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओ को अब ं तक की सबसे महंगी दर 18 हजार रु. प्रति टन की दर से आयातित कोयले की राशि का भुगतान आगामी बिलों में फ्ल चा यू र्ज की बढ़ी दर के साथ करना पड़ेगा।
कसानियां बोले- कारखानों को बंद कर किसानों को दो बिजली बिजली
चर्चा के दौरान भाजपा विधायक रामप्रताप कसानियां ने किसानों को बिजली देने की मांग उठाते हुए कहा कि सरकार कारखानों की बिजली बंद कर दे, लेकिन किसानों को जरूर दे। उन्होंने कहा कि बिजली के यही हालात रहे तो, किसान चुनाव में सरकार को सबक सीखा देगा।
बिजली कंपनियों पर करें विचार
भाजपा दल के सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि 20 साल से ज्यादा वक्त हो गया, राजस्थान स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को भंग करके 5 कंपनियां बनाए हुए। अब समय आ गया है इस प्रयोग के सफल होने या नहीं होने पर विचार करने का है। गर्ग ने कहा कि कंपनियों के बनने के बाद घाटा तेजी से बढ़ रहा है। छीजत में भी इजाफा हो रहा है।
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